विधायक सुभाष सुधा ने किया राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान का अवलोकन
गंदे पानी के प्रबंधन तथा कचरा प्रबंधन को देखकर गदगद हुए विधायक
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान गंदे पानी के प्रबंधन और निट संस्थानों और घरों के कचरे का प्रबंधन करके हरियाणा ही नहीं देश के सामने एक अनुठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस संस्थान के गंदे पानी और सारा कचरे का प्रबंधन संस्थान बखुबी किया जा रहा है, संस्थान का रतिभर भी गंदा पानी और कचरा बाहर नहीं फेंका जा रहा है। अहम पहलू यह है कि संस्थान के अधिकारियों ने निट के प्रागंण को पर्यावरण की दृष्टि से स्वच्छ और सुंदर बनाने में भी अनोखी पहल की है। इस संस्थान के प्रांगण में गंदे पानी को ट्रीट करके एक लेक विकसित की है तथा 70 एकड़ भूमि पर वन भी विकसित करने का काम किया है। यह लेक और जंगल अब प्रवासी पक्षियों का ठिकाना बन गया है।
विधायक सुभाष सुधा ने राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान का अवलोकन किया और संस्थान के प्रयासों को खुब सराहा। इससे पहले विधायक सुभाष सुधा ने एनआईटी के निदेशक पदमश्री डा. सतीश कुमार व रजिस्ट्रार डा. सुरेन्द्र देसवाल के साथ गंदे पानी के प्रबंधन प्रोजैक्ट को देखा और गीले व सूखे कचरे से तैयार की जा रही खाद, वेस्ट मैटिरियल से तैयार किया ईको मार्ग, पाथ-वे, दशहरी आम व जामुन के बाग, गंदे पानी को ट्रीट करके बनाई गई लेक, संस्थान के पार्कों, संस्थान के मार्गों सहित वेस्ट मैटिरियल बनाए गए फुटपाथ, पुल और रेलिंग का भी अवलोकन किया। इन तमाम पहलुओं को देखने के उपरांत विधायक ने निट के निदेशक पदमश्री डा. सतीश कुमार व उनकी टीम के सभी सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि निट ने वेस्ट मैटिरियल तथा गंदे पानी का प्रबंधन करके एक अनुठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। इससे प्रेरित होकर अन्य संस्थानों को भी आगे आना चाहिए तथा प्रशासनिक अधिकारियों को भी इसका अवलोकन करके शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने का संकल्प लेना चाहिए।
विधायक ने कहा कि निट संस्थान सही मायने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सपनों को साकार करने का काम कर रहा है। इस संस्थान ने निट के सारे गंदे पानी का बखुबी प्रबंधन किया है, गंदे पानी को ट्रीट करके दो तालाबों में इकट्ठा किया है और एक लेक का भी रुप प्रदान किया है। इस पानी का प्रयोग निट द्वारा बागवानी और वन क्षेत्र को विकसित करने के लिए किया जा रहा है, जिसके प्रयासों से 70 एकड़ में वन विकसित हो चुका है और लेक में प्रवासी पक्षियों ने भी अपना डेरा जमा लिया है। इन पक्षियों ने लेक और वन को अपना प्रजनन केन्द्र भी बना लिया है। इतना ही नहीं निट संस्थान द्वारा कैम्पस के गीले और सुखे कचरे का खुब प्रबंधन किया है। इससे वर्मी काम्पोस्ट बनाई जा रही है। इस खाद का प्रयोग भी बागवानी व वन क्षेत्र के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि निट के अधिकारियों ने लेक के चारों तरफ विद्यार्थियों, कर्मचारियों और कैम्पस के अन्य लोगों के सैर करने का भी प्रबंध किया है। इसके लिए करीब 6 किलोमीटर ईको मार्ग तैयार किया है। इस मार्ग को वेस्ट मैटिरियल से तैयार किया गया है। इसके बीच में पडऩे वाले नाले पर पुल और रेलिंग का निर्माण भी वेस्ट मैटिरियल से ही किया है। इस मार्ग पर लोगों के बैठने की व्यवस्था भी की गई है। इसके साथ ही विधायक ने जामुन और दशहरी आमों के बाग को भी देखा। इन सब प्रोजैक्ट को देखकर विधायक ने संस्थान के प्रयासों को खुब सराहा और कहा कि यह संस्थान एक रोल मॉडल के रुप में विकसित हो चुका है। इस संस्थान को सभी को देखना चाहिए और प्रेरित होकर गंदे पानी तथा कचरे के प्रबंधन करने की सीख लेनी चाहिए। निट के रजिस्ट्रार डा. सुरेन्द्र देसवाल ने कहा कि संस्थान को ईको फ्रेंडली बनाने का प्रयास किया जा रहा है। विधायक सुभाष सुधा ने सौलर ईको वाहन पर बैठकर पूरे कैम्पस का भ्रमण किया है। इस वाहन को संस्थान के एल्यमुनी विद्यार्थियों द्वारा भेंट किया गया है संस्थान के निदेशक पदमश्री डा. सतीश कुमार के मार्गदर्शन में गंदे पानी, कचरे और वेस्ट मैटिरियल का प्रबंधन किया गया है।