नैनो यूरिया उत्पदान बढ़ाने में सहायक
पैदावार बढऩे के साथ उत्पाद की गुणवत्ता में होगा सुधार
सामान्य यूरिया के एक बैग के बराबर 500 मिली लीटर की एक बोतल
परीक्षण की कसौटी पर भी खरा उतरा नैनो यूरिया
न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक।इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) भारत के करोड़ों किसानों के लिए विश्व के पहले नैनो यूरिया तरल की सौगात दी दै। इफको के नए उत्पाद की जानकारी देते हुए सहकारी समिति के उप रजिस्ट्रार बंसी लाल ने बताया कि आधा लीटर ( 500 मि.ली) नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत 240/- रूपए निर्धारित की गई है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है। उन्होंने कहा कि इफको का यह नया उत्पाद किसानों के लिए बहुत बड़ी सौगात है। इससे भारत भी यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। नैनो यूरिया तरल (नैनो लिक्विड यूरिया) को पौधों के पोषण के लिए प्रभावी व असरदार पाया गया है।
इसके प्रयोग से फसलों की पैदावार बढ़ती है तथा पोषक तत्वों की गुणवत्ता में सुधार होता है। नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन व टिकाऊ उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा। बंसीलाल ने कहा कि यूरिया तरल के प्रयोग से पौधों को संतुलित मात्रा में पोषक तत्व प्राप्त होंगे और मिट्टी में यूरिया के अधिक प्रयोग में कमी आएगी। यूरिया के अधिक प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषित होता है। मृदा स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है। पौधों में बीमारी और कीट का खतरा अधिक बढ़ जाता है। फसल देर से पकती है और उत्पादन कम होता है। साथ ही फसल की गुणवत्ता में भी कमी आती है।
नैनो यूरिया तरल फसलों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है तथा फसलों को गिरने से बचाता है । उन्होंने कहा कि इफको नैनो यूरिया किसानों के लिए सस्ता है और यह किसानों की आय बढ़ाने में प्रभावकारी होगा। इफको नैनो यूरिया तरल की 500 मि.ली. की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग के बराबर होगी। इसके प्रयोग से किसानों की लागत कम होगी। नैनो यूरिया तरल का आकार छोटा होने के कारण इसे पॉकेट में भी रखा जा सकता है जिससे परिवहन और भंडारण लागत में भी काफी कमी आएगी । बंसीलाल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली (एनएआरएस) के तहत 20 आईसीएआर संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों में 43 फसलों पर किये गये बहु-स्थानीय और बहु-फसली परीक्षणों के आधार पर इफको नैनो यूरिया तरल को उर्वरक नियंत्रण आदेश(एफसीओ, 1985) में शामिल कर लिया गया है।
इसकी प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए पूरे भारत में 94 से अधिक फसलों पर लगभग 11,000 कृषि क्षेत्र परीक्षण (एफएफटी) किये गये थे। हाल ही में पूरे देश में 94 फसलों पर हुए परीक्षणों में फसलों की उपज में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इससे पहले जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के सभागार में इफको द्वारा किसानों के लिए सहकारी कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नैनो यूरिया तरल के लाभकारी परिणाम के बारे किसानों को जानकारी दी गई। इस अवसर पर इफको के उप-महाप्रबंधक ओमकार सिंह, सहकारी बैंक के महाप्रबंधक वेद प्रकाश, क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप सिंह आदि मौजूद थे।
नैनो यूरिया के लाभ:-
1. नैनो यूरिया की 500 मिली की एक बोतल सामान्य यूरिया के कम से कम एक बैग (45 किलो) के बराबर काम करेगी। 2. इफको ने किसानों के लिए 500 मिली नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत ₨ 240/- निर्धारित की है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग के मूल्य से 10 प्रतिशत कम है।3. नैनो तरल यूरिया का पूरे देश में 94 से अधिक फसलों पर लगभग 11,000 कृषि क्षेत्र परीक्षण (एफएफटी) किया गया परीक्षण।4. इफको के मुताबिक नैनो तरल यूरिया का जिन 94 फसलों पर टेस्टिंग हुई उनकी उपज में औसतन 8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।5. नैनो यूरिया का विकास ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की तर्ज पर स्वदेशी और प्रोपाइटरी तकनीक के माध्यम से गुजरात के कलोल स्थित इफको नैनो जैवप्रौद्योगिकी अनुसंधान केन्द्र (एनबीआरसी) में किया गया है।6. मिट्टी में यूरिया के प्रयोग में कमी लाने की कोशिशों को मुकाम देगा ये नैनो यूरिया7. पोषक तत्वों के बेहतर उपयोग तथा मृदा, जल व वायु प्रदूषण को कम करने में सक्षम होने के कारण यह पौधों के पोषण के लिए एक टिकाऊ समाधान है।8. भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने तथा जलवायु परिवर्तन के दिशा में भी कारगर9. इफको ने दावा किया है कि इसके परीक्षण के जिन 94 फसलों पर इस्तेमाल किया गया उनकी गुणवत्ता में सुधार हुआ है।10. सामान्य यूरिया के मुताबले सस्ती होने से किसानों की लागत घटेगी और आमदनी बढ़ेगी, साथ ही लाने-ले- लाने (परिवहन और भंडारण) खर्च कम होगा।