आज रोहतक में हुई आला अधिकारियों की बैठक, कला नीति पे हुआ गहन मंथन
न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। प्रदेश में कला, संस्कृति व लोक विधाओं को नए आयाम देने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक नवीन व कारगर कला नीति बनाने के जो आदेश दिए थे वह अब मुकाम तक पहुंच गए हैं। इस नीति के आने से प्रदेश के योग्य व पारंगत कलाकारों को बहुत फायदा होगा।यह जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार में ओएसडी गजेंद्र फोगाट ने बताया कि आज रोहतक के मानसरोवर पार्क स्थित कार्यालय में इस संदर्भ में कला एवं सांस्कृतिक विभाग चंडीगढ़ के संयुक्त निदेशक सुरेश कुमार (एचसीएस) व हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन की संयुक्त अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। इसमें कला परिषद के सभी अतिरिक्त निदेशक व कला व संस्कृति विभाग के अन्य अधिकारी गण उपस्थित थे।
फौगाट ने बताया कि इस नीति के अंतर्गत नवोदित कलाकारों को मंच प्रदान करना व उनकी ग्रेडिंग निर्धारित करने के साथ-साथ समय-समय पर वरिष्ठ कलाकारों को कार्यक्रमों में आमंत्रित करके उन्हें सम्मानित करना तथा आपातकाल की स्थिति में वरिष्ठ कलाकारों की सहायता से संबंधित विषय भी सम्मिलित किए गए हैं। इसके साथ-साथ इस कला नीति के माध्यम से कलाकारों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है। कलानीति में गांव से लेकर शहर तक के अंतिम कलाकार तक उसकी कला को नए आयाम देने का प्रस्ताव शामिल किया गया है।
फौगाट ने कहा कि प्रदेश में लोक कलाकारों व प्रयोग धर्मिता से लबरेज कलाकारों की कोई कमी नहीं है, कई बार मंच के अभाव में इनकी कला निखर नहीं पाती है, जिसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के आदेश पर पहले भी अनेक प्रयास किए गए हैं। इसी श्रृंखला में स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान हुए कार्यक्रम राहगिरी, सांग उत्सव, महिला दिवस, अनेकों जयंती व महान विभूतियों के बलिदान दिवस अवसर पर कलाकारों को मंच प्रदान किये जा रहे हैं।
फौगाट ने बताया कि इस दौरान भी कलाकारों को उनका मानदेय देने के साथ-साथ डिजिटल स्टेज की स्थापना की गई थी जिसमें उन्हें आमंत्रित करके उनकी कला को डिजिटल माध्यम से अनेकों जगह पहुंचाने का काम किया गया था। मुख्यमंत्री ने भी इस प्रयास की सराहना की थी। बैठक में हिसार मंडल के अतिरिक्त निदेशक महावीर गुड्डू, अंबाला मंडल के अतिरिक्त निदेशक नगेंद्र शर्मा, कला एवं संस्कृति विभाग के कला अधिकारी हृदय कौशल, विकास शर्मा, नवीन लांबा, सुनील सैनी व अन्य कर्मचारी अधिकारी उपस्थित थे।