न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार को बेरोजगार युवा आवेदकों को परीक्षा के नाम पर दूसरे जिले में भेजकर तंग करने से बाज आना चाहिए। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को बेरोजगारों को दूसरे जिलों में भेजकर उनका शोषण करने की बजाए अपनी कार्यशैली में सुधार करना चाहिए। नकल रहित पारदर्शी तरीके से परीक्षा कराने की जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए।
यहां जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हाल ही में हरियाणा पुलिस में सिपाही पद के लिए लिखित परीक्षा हो रही है। इसके लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा देने के लिए बेरोजगार आवेदकों को मूल जिले से दूसरे जिले में जाना पड़ रहा है। आवेदकों की संख्या लाखों में है। ऐसे में न तो हरियाणा रोडवेज की बसों में ही इन्हें पहुंचाया जा सकता है और न ही ट्रेनों के जरिए ही सभी को पहुंचाया जा सकता है। बेरोजगार युवाओं पर दूसरे जिले में परीक्षा देने से और अधिक आर्थिक भार पड़ा है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि भर्ती परीक्षा में नकल रोकने के बहाने, परीक्षा का प्रश्न पत्र आउट होने से रोकने के बहाने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग परीक्षाओं के गृह जिले बदलने का बहाना बनाता है। जबकि, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाले ज्यादतर भर्ती परीक्षा संदेह के घेरे में रहती हैं। कभी परीक्षा शुरू होने से पहले ही ऑन्सर की व्हाट्सऐप पर सर्कुलेट होने की सूचना मिलती है तो कभी पूरा पेपर ही लीक होने की सूचनाएं फैलती हैं। जनवरी महीने में ग्राम सचिव की परीक्षा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को पूरी तरह से रद्द करनी पड़ी थी, क्योंकि इसका पेपर आउट होकर हर किसी के हाथ में पहुंच गया था, जबकि परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केंद्र भी दूर-दराज के जिलों में बनाए गए थे।
कुमारी सैलजा ने कहा कि जिस तरह से हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जाने वाली भर्ती परीक्षाओं के पेपर व ऑन्सर-की वायरल हो जाती हैं, उससे पता चलता है कि प्रदेश सरकार निष्पक्ष भर्ती परीक्षा कराने को लेकर गंभीर नहीं है। अपनी नाकामी को छिपाने के लिए परीक्षार्थियों को तंग करने के नए-नए तरीके खोजे जाते हैं। जिसमें उनके गृह जिले से उन्हें दूसरे जिलों में परीक्षा देने के लिए भेजना भी परेशानी में डालने वाला ऐसा ही कदम है। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में जिस किसी भी सरकारी पद के लिए भर्ती परीक्षा हो तो उसके परीक्षा केंद्र उसी जिले में बनाए जाने चाहिए, जहां का निवासी आवेदक है। नकल रहित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार की है।