कोरोना और ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का आंकड़ा छिपा रही है सरकार- हुड्डा
पेपर लीक और भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच से क्यों भाग रही है सरकार?- हुड्डा
आंदोलनरत किसानों की वकालत करे गठबंधन सरकार, हरियाणा में बनाया जाए एमएसपी की गारंटी का कानून- हुड्डा
खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं किसान, सरकार करे व्यवस्था- हुड्डा
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई मौतों से जुड़ी खबरों की प्रतियां दिखाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने विधानसभा में गलत जानकारी दी है। सरकार का कहना है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई जबकि उस वक्त की तमाम मीडिया कवरेज सच बयां कर रही हैं। हर गांव, गली,मोहल्ले में व्याप्त विलाप और अपनों की जान बचाने की जद्दोजहद में लगे लोगों की तस्वीरें आज भी सभी के जेहन में जिंदा हैं।
उस वक्त खुद भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी सांसद समेत कई भाजपा नेताओं ने माना था कि ऑक्सीजन की कमी के चलते हालात बेकाबू हो चुके थे। पूरा हरियाणा इस बात का गवाह है कि बहुत सारे लोगों की जान ऑक्सीजन की कमी के चलते दम घुटने से हुई। इतना ही नहीं, हजारों लोगों की जान इलाज, दवाई, हॉस्पिटल बेड और वेंटिलेटर के अभाव में चली गई। सरकार कोरोना से हुई कुल मौतों के आंकड़े भी छिपा रही है। सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों से कई गुना ज्यादा लोगों की मौतें हुई हैं। सरकार को सही संख्या का पता लगाने के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनानी चाहिए, ताकि सभी पीड़ित परिवारों को सहायता दी जा सके।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर पेपर लीक घोटालों की जांच सीबीआई से करवाने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक सामने आ रहे भर्ती घोटालों से प्रदेश के राजस्व और आम जनता को करोड़ों रुपये की चपत लग रही है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में गोपनीयता बनाए रखने के लिए हर साल करीब ₹25 करोड़ खर्च होते हैं। पेपर करवाने और तमाम भर्ती संबंधी प्रक्रियाओं के लिए भी करीब 100 करोड़ रुपये का बजट जारी किया जाता है। जबकि, यह संस्था पिछले कुछ सालों में शायद ही कोई पेपर बिना लीक हुए पूरा करवा पाई हो। जब खुद प्रदेश के गृह मंत्री कह रहे हैं कि इसकी जांच सीबीआई को सौंप देनी चाहिए तो फिर सरकार इससे क्यों भाग रही है। आखिर सरकार किसको बचाना चाहती है?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हरियाणा की गठबंधन सरकार को केंद्र के सामने किसानों की वकालत करनी चाहिए ताकि उनकी मांगों को मानते हुए आंदोलन का सकारात्मक समाधान निकल सके। साथ ही हरियाणा सरकार को किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी का कानून बनाना चाहिए। किसान कहीं भी अपनी फसल बेचे उसको एमएसपी सुनिश्चित हो। कानून में एमएसपी से कम पर खरीद करने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान होना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में खाद की किल्लत की तरफ भी सरकार का ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। सरकार को फौरन उचित व्यवस्था करनी चाहिए ताकि किसानों को वक्त पर खाद मिल सके और वह समय रहते फसलों में खाद लगा सकें।