न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव- 2021 के अवसर पर विरासत हेरिटेज विलेज जी.टी. रोड मसाना में आयोजित हरियाणा सांस्कृतिक प्रदर्शनी का समापन हवन यज्ञ के साथ रविवार 19 दिसंबर को होगा। उल्लेखनीय है कि सांस्कृतिक प्रदर्शनी की शुरूआत 5 दिसंबर को हुई थी। अब तक हजारों पर्यटक विरासत हेरिटेज विलेज की सांस्कृतिक प्रदर्शनी का अवलोकन कर चुके हैं। यहां पर भारतीय पगड़ी का इतिहास, भारत के सैंकड़ों वर्ष पुराने अनाज मापक बर्तन, विरासत ऑर्गेनिक, हरियाणा की फुलझड़ी, स्वदेशी के परिचायक चरखे, हरियाणा की दरी कला, हरियाणा की जुलाहा परम्परा, हरियाणा की लुगदी से बनी हुई विषय-वस्तुएं, हरियाणा के लोक परिधान, भारत की रियासतों के बाटों का इतिहास, हरियाणा की बुणाई कला, खेती-बाड़ी में प्रयोग की जाने वाली डायल, कूएं में प्रयोग किए जाने वाले डोल, बैलों के लिए प्रयोग की जाने वाले जुए, जमीन को समतल करने के लिए बैलों की गोडी, खेती में प्रयोग की जाने वाली दंताली, पुराने हल, जाली, जेली, टांगली, इंडी, बीजणे, हरियाणा के परिवहन के प्राचीन संसाधन सभी की प्रदर्शनी यहां पर लगाई गई है। पर्यटकों के रुझान को देखते हुए विरासत हेरिटेज सांस्कृतिक प्रदर्शनी को 19 दिसंबर तक चलाने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि विरासत हेरिटेज विलेज में हरियाणा हस्तशिल्प कार्यशाला का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रदेश भर की 1 हजार से अधिक हस्तशिल्पकारों ने भाग लेकर हरियाणा के हस्तशिल्प को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। आने वाले दिनों में हरियाणा के हस्तशिल्प को विरासत के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
हरियाणवी प्रतिमूर्तियां बनी आकर्षण
कुरुक्षेत्र: अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव- 2021 के अवसर पर विरासत हेरिटेज विलेज जी.टी. रोड मसाना में आयोजित हरियाणा सांस्कृतिक प्रदर्शनी में गांव की सांस्कृतिक झलक देखने को मिलती है। यहां पर हरियाणा के परिवहन के साधनों के साथ-साथ लोकजीवन की झांकियों को प्रतिमूर्तियों के माध्यम से दर्शाया गया है। पगड़ी पहने छोटे बच्चे, हुक्का पीते हुए बुजुर्ग, दूध बिलोती हुई महिला, टोकणी उठाए हुए हरियाणवी नार सभी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनेह हुए हैं। युवा पीढ़ी इन प्रतिमूर्तियों के साथ फोटो खिंचवाकर सेल्फियां ले रही हैं। यहां पर सेल्फियों के अनेक आकर्षण केन्द्र स्थापित किए गए हैं। विरासत का प्रयास है कि हरियाणा की संस्कृति का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो और युवा उससे जुड़ पाएं।