ग्रीष्म ऋतु की मूँगी दाल खरीदने के लिए गैप फंडिंग के तौर पर मार्कफेड के लिए 66.56 करोड़ रुपए मंजूर
पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) बिल -2022 को हरी झंडी
न्यूज डेक्स पंजाब
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने 16 वें पंजाब विधान सभा का दूसरा बजट सत्र 24 जून से बुलाने की मंजूरी देते हुए इसकी सिफ़ारिश पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को कर दी जो भारतीय संविधान की धारा -174 की क्लोज (1) के अनुसार विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए अधिकृत हैं। यह फ़ैसला यहाँ मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में हुई मंत्रिमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने विस्तार में जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने 24 जून को सत्र बुलाने और सेशन के पहले दिन दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलियां भेंट करने के बाद उसी दिन राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करने और इस पर बहस करने के लिए सहमति दे दी है। वित्त मंत्री 27 जून को सोमवार वाले दिन साल 2022 -23 का बजट पेश करेंगे और इस के बाद आम बजट पर बहस होगी। प्रवक्ता ने बताया कि सेशन के दौरान साल 2018 -19 और 2019 -20 के लिए भारत के कम्पट्रोलर और ऑडिटर जनरल की लेखा रिपोर्ट और साल 2019 -20 और साल 2020 -21 के लिए वित्तीय और विनियोजन लेखे सदन में पेश किये जाएंगे।
ग्रीष्म ऋतु की मूँगी खरीदने के लिए गैप फंडिंग के तौर पर मार्कफेड के लिए 66.56 करोड़ रुपए की मंजूरी
भूजल जैसे बहुमूल्य कुदरती संसाधनों को बचाने साथ-साथ मिट्टी की सेहत में सुधार करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य के साथ मंत्रिमंडल ने मार्कफैड की तरफ से साल 2022 -23 के लिए ग्रीष्म ऋतु की मूंग की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य 7275 रुपए प्रति क्विंटल पर खरीदने की मंजूरी दे दी है। मार्कफैड को यह फसल खरीदने के लिए राज्य की नोडल एजेंसी बनाया गया है। यह भी फ़ैसला किया गया कि गैप फंडिंग के तौर पर 1875 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब के साथ मार्कफैड को लगभग 66.65 करोड़ रुपए की राशि मुहैया कराई जायेगी। यहाँ बताने योग्य है कि मौजूदा ग्रीष्म ऋतु की मूंगा के सीजन के दौरान 95,000 एकड़ क्षेत्रफल में मूंगी की बुवाई हुई है और प्रति एकड़ पाँच क्विंटल उत्पादन होने की आशा है। इस कदम से कम समय में तैयार होने वाली धान की किस्मों की बुवाई होगी जिससे भूजल की 10 से 20 प्रतिशत बचत होने की संभावना है जो कुदरती स्रोतों की संभाल में सहायक होगा।
पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) बिल -2022 को मंज़ूरी
राज्य में ग्रामीण बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए पंजाब मंत्रिमंडल ने पंजाब ग्रामीण विकास एक्ट -1987 की धारा -7में संशोधन करके पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) बिल -2022 विधान सभा के आगामी फैशन में लाने की मंजूरी दे दी है।
इस बिल के कानूनी रूप लेने से ग्रामीण विकास फंड को अलग -अलग उद्देश्यों /गतिविधियों के लिए खर्च किया जायेगा जिन में मंडियों /खरीद केन्द्रों तक पहुँच सड़कों का निर्माण या मरम्मत और स्ट्रीट लाइटों लगाना जिस के साथ किसानों को उनकी उपज की ढुलाई के योग्य बनाया जा सकेगा, नयी मंडियों /खरीद केंद्रों का निर्माण /विकास और पुरानी मंडियों /कच्चे फडो़ं /खरीद केंद्रों का विकास, पीने वाले पानी की सप्लाई की व्यवस्था और मंडियों /खरीद केन्द्रों में साफ -सफाई में सुधार करना, खरीद कार्यों के साथ जुड़े किसानों और मजदूरों के लिए अच्छी सहूलतों के साथ लैस रेस्ट हाऊस /रैन बसेरे /सैड मुहैया कराना शामिल है।
इसी तरह ग्रामीण विकास फंड खरीदे गए स्टाक को भंडार करने के लिए मंडियों में स्टोरेज सहूलियत बढ़ाने के लिए खर्चा जायेगा जिससे राज्य में खरीद और मंडीकरण प्रणाली को और मजबूत किया जा सके, कर्जे के बोझ तले दबे राज्य के किसानों को राहत प्रदान करना जिससे दबाव नीचे बिक्री की किसी भी संभावना को खत्म किया जा सके। मंडी या राज्य स्तर पर फसल की खरीद या जमीनी रिकॉर्ड, फसल के सर्वेक्षण, किसानों की कम्प्यूटरीकृत पहचान के साथ सम्बन्धित हार्डवेयर /सॉफ्टवेयर का विकास करना जो पारदर्शिता को और बेहतर बनाने के साथ-साथ खरीद गतिविधियों को भी आसान बना सकता है। इसी तरह कम्प्यूटराईज्ड इलेक्ट्रॉनिक कांटा, तौल के साथ सम्बन्धित सहूलियत, गुणवत्ता जांच उपकरण, मंडी /खरीद केन्द्रों में सुविधाओं को जाँचना और इस का ई -खरीद विधि के साथ एकीकरण के अलावा सफाई, छंटनी, सुकाने, अनाज की गुणवत्ता का अध्ययन, छोटे शिपिंग सायलोज़, बारदाना और सिलाई की सहूलतें समेत मंडियों को स्व -चलित और मशीनीकरन के साथ लैस करना शामिल है। इस कदम के साथ मंडियों /खरीद कामों को मजबूत किया जा सकता है।
कैबिनेट की तरफ से रेहड़ी -छोटी दुकान वालों पर लगती स्टांप ड्यूटी से छूट
कोविड -19 महामारी कारण बुरी तरह प्रभावित रेहड़ी -छोटी दुकान वालों को राहत देते पंजाब कैबिनेट ने प्रधानमंत्री स्वनिधी स्कीम अधीन रेहड़ी -छोटी दुकान वालों के 50 हज़ार (थर्ड ट्रांच लोन) तक के कर्ज /हाईपोथिकेशन करार नामे पर लगती अष्टाम ड्यूटी से छूट दे दी है। ज़िक्र योग्य है कि रेहड़ी -छोटी दुकान वालों के कामकाज को कोविड महामारी कारण बड़ी चोट लगी, इस लिए उनका कामकाज दोबारा शुरू करने के लिए विशेष मदद की ज़रूरत है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने रेहड़ी -छोटी दुकान वालों के लिए 50 हजार तक के कर्ज /हाईपोथिकेशन करार नामे पर लगती 127 रुपए की अष्टाम ड्यूटी माफ करने का फ़ैसला किया है।
एक विधायक, एक पेंशन के लिए ‘दी पंजाब स्टेट लेजिस्लेचर मैंबरज़ (पेंशन और मेडिकल फैसिलिटी रेगुलेशन) एक्ट -1977 ’ में संशोधन को हरी झंडी
मंत्रिमंडल ने दी पंजाब स्टेट लेजिस्लेचर मेंबर (पेंशन और मेडिकल फैसिलिटी रेगुलेशन) एक्ट -1977 की धारा 3(1) में संशोधन करने की मंजूरी दे दी है जिससे पंजाब विधान सभा के विधायकों को एक पेंशन (ट्रमों की संख्या किये बगैर) नयी दर अनुसार (60,000 रुपए प्रति महीना महंगाई भत्ता जो पंजाब सरकार के पेंशनरों पर लागू होता है) के मुताबिक दी जायेगी। यह मौजूदा व्यवस्था को बदल देगी जिस अनुसार पहली टर्म के लिए 15,000 रुपए पेंशन प्रति महीना (समेत महंगाई भत्ता, जो पंजाब सरकार के पेंशनरों पर लागू होता है) और हरेक बाद वाली टर्म के लिए 10,000 रुपए पेंशन प्रति महीना (समेत महंगाई भत्ता, जो पंजाब सरकार के पेंशनरों पर लागू होता है) था। इस संशोधन के साथ पंजाब सरकार को सालाना लगभग 19.53 करोड़ रुपए की बचत होगी।
जेल विभाग और पंजाब एक्स -सर्विसमैन निगम की प्रशासनिक रिपोर्ट को मंजूरी
पंजाब मंत्रिमंडल ने जेल विभाग की साल 2015 -16, 2016 -17 और 2017 -18 के अलावा पंजाब एक्स -सर्विसमैन निगम की साल 2016 -17, 2017 -18, 2018 -19 और 2019 -20 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्ट को भी स्वीकार कर लिया है।
राज्य चयन आयोग के ग्रुप -ए सेवा नियमों में संशोधन और ग्रुप -बी के सर्विस नियम बनाने को मंजूरी
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से 2016 की सिविल रिट पिटिशन नंबर 20838 के बारे पास किये हुक्मों अनुसार पंजाब कैबिनेट ने राज्य चयन आयोग के ग्रुप -ए, 2014 सेवा नियमों में संशोधन और ग्रुप -बी के सेवा नियम बनाने को मंजूरी दे दी है जिससे स्टाफ के सेवा मामलों और तरक्कियों के मामलों के साथ निपटा जा सके। ज़िक्र योग्य है कि सरकार की तरफ से राज्य चयन आयोग एक्ट, 1994 के प्रस्तावों की रौशनी में वित्त विभाग की मंजूरी अनुसार राज्य चयन कमिश्नर और स्टाफ के पद सृजित किए गए थे। इस के बावजूद राज्य चयन आयोग के दफ़्तरी मुलाजिमों के लिए कोई विभागीय सेवा नियमों की अनुपस्थिति कारण मुलाजिमों के सेवा और तरक्की के मसलों के साथ निपटने में मुश्किलें आ रही थीं।