कानूनन एवं परिवीक्षा अधिकारी ने आंगनवाड़ी वर्करों को विभाग द्वारा चलाई जाने वाली स्पॉन्सरशिप व फॉस्टरकेयर स्कीम के बारे में भी अवगत कराया।
न्यूज़डेक्स संवाददाता –
पंचकूला – माता-पिता का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए और उन्हें कोई संक्रामक या गंभीर रोग या मानसिक या शारीरिक स्थिति ऐसी नहीं होनी चाहिए जो उसे बच्चे की देखभाल से रोक सके। कानूनन एवं परिवीक्षा अधिकारी ने आंगनवाड़ी वर्करों को बताया कि दूसरे बच्चे के दत्तक ग्रहण की अनुमति तभी दी जा सकती है जब प्रथम बच्चे के लिए कानूनी रूप दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है परंतु यह भाई बहन के मामले में लागू नहीं है।
स्पॉन्सरशिप स्कीम के तहत यदि कोई बच्चा, जिसके पिता या माता पिता दोनों की मृत्य हो चुकी है तो वो स्कीम का लाभ ले सकते है। बच्चा अपने दादा दादी, नाना नानी अथवा किसी रिश्तेदार के पास रहता है तो भी वह स्कीम कि लाभ लें सकता है। एक परिवार के दो बच्चे जिनकी आयु 18 वर्ष से कम है स्कीम का लाभ लंे सकते है । बच्चे का स्कूल में जाना अनिवार्य है व परिवार की सालाना आमदनी ग्रामीण क्षेत्रों में 72000 रुपये व शहरी में सालाना आमदनी 96000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिये। इस स्कीम का लाभ ऐसे बच्चो को भी दिया जाता है जिनके माता पिता कोई नाइलाज बीमारी से ग्रसित हो।
यह कार्यक्रम बरवाला ब्लॉक की सीडीपीओ कुसुम एडिशनल जिला बाल संरक्षण अधिकारी की देखरेख में किया गया। इस अवसर पर सुपरवाइजर मनीषा व सुपरवाइजर बिमला के साथ सभी आंगनवाड़ी वर्कर उपस्थित रही।