न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। नगर परिषद की निवर्तमान अध्यक्षा उमा सुधा ने कहा कि भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम ने हमेशा अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लडऩे की प्रेरणा समाज को दी। उन्होंने 21 बार इस सृष्टि को अहंकारी शासकों से मुक्त करके धर्मराज की स्थापना की। उन्हीं के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए समाज को हमेशा अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लडऩी चाहिए। निवर्तमान अध्यक्षा उमा सुधा शनिवार को ब्राहमण धर्मशाला में भगवान परशुराम जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि जब भी पृथ्वी पर पाप बढ़ा है।
भगवान किसी ना किसी अवतार के रूप में इस धरती पर अवतरित हुए हैं। उन्हीं अवतारों में से भगवान परशुराम भी एक हैं। उन्होंने हमेशा सिखाया की जब अन्याय ज्यादा बढ़ जाए तो उसका डटकर मुकाबला करना चाहिए। उन्हीं के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए आज ब्राह्मण समाज सहित समाज के दूसरे वर्ग भी जन सेवा के कार्यों में तत्पर हैं। महापुरुष किसी एक जाति या संप्रदाय के नहीं होते। उनका केवल जन्म किसी जाति में होता है। लेकिन वह सर्व समाज के पूजनीय होते हैं। आज भारत अनेकता में एकता का प्रमाण है। जहां धार्मिक विविधताएं होने के बावजूद भी लोग एक दूसरे के त्यौहारों और पर्वों में भाग लेते हैं।
उन्होंने कहा कि इस देश की संस्कृति की यही सुंदरता पूरे विश्व भर में भारत को दूसरे देशों से अलग बनाती है।
हम सबको भगवान परशुराम जैसे महापुरुषों की जीवनी से प्रेरणा लेते हुए उनके आदर्शों को अपने जीवन में अनुसरण करना चाहिए और आने वाली पीढिय़ों को महापुरुषों एवं शहीदों की गाथाओं का ज्ञान जरूर देना चाहिए। इस मौके पर ब्राहमण धर्मशाला के संरक्षक पवन शर्मा, प्रधान श्याम लाल शर्मा, भंवर साहिदा, उपप्रधान भगवत दयाल शर्मा, समाजसेवी राम मेहर शर्मा, पूर्व चेयरमैन देवी दयाल शर्मा सहित ब्राह्मण समाज के समस्त अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।