न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली,27 नवंबर। राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद की अगुआई में देश भर में प्रस्तावना पढ़े जाने के साथ जहां एक ओर पूरे उत्साह से 71वां संविधान दिवस मनाया गया, वहीं गुजरात के केवडिया में संविधान पर हुई एक विशेष प्रदर्शनी को सांसदों और विधायकों की तरफ से खासी सराहना मिली।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ आउटरीच कम्युनिकेशन द्वारा संसदीय संग्रहालय और अभिलेखागार के सहयोग से गुजरात में स्टैच्यु ऑफ यूनिटी स्थल पर पीठासीन अधिकारियों के 80वें अखिल भारतीय सम्मेलन के तहत आयोजित इस प्रदर्शनी का शुभारम्भ लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला द्वारा बुधवार को किया गया था। प्रदर्शनी में वैदिक काल से लेकर, लिच्छवी गणराज्य से आधुनिक भारत के निर्माण तक देश में लोकतांत्रिक परम्पराओं के सफर को प्रदर्शित किया गया।
1,600 वर्ग फुट में प्रदर्शित मल्टी मीडिया प्रदर्शनी में प्लाज्मा डिस्प्ले, इंटरएक्टिव डिजिटल फ्लिप बुक, आरएफआईडी कार्ड रीडर, इंटरएक्टिव स्क्रीन, डिजिटल टच वॉल आदि के साथ ही 50 पैनल शामिल थे। लोकसभा अध्यक्ष ने मल्टी-मीडिया के उपयोग की सराहना की और कहा कि इंटरएक्टिव प्रदर्शनियां दिलचस्प तरीके से सूचनाओं का प्रसार करती हैं। उन्होंने कहा, प्रदर्शनी प्रभावी रूप से संविधान के निर्माण को चरणवार तरीके से दिखाती है और हमारी लोकतांत्रिक परम्परा के बारे में जागरूकता के प्रसार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसी प्रदर्शनियों का आयोजन होना चाहिए।
प्रदर्शनी में भारत के संविधान की रूपरेखा तैयार किये जाने को बड़े विस्तार से अभिलेखों और अन्य सामग्रियों के इस्तेमाल से दर्शाया गया है। मुंबई स्थित भारतीय फिल्म प्रभाग के अभिलेखागार से संविधान की रूपरेखा तैयार करने से जुड़ी घटनाओं की कुछ दुर्लभ फिल्मों के अंश और संविधान सभा के डॉक्टर बी.आर. अम्बेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत अन्य प्रमुख सदस्यों के भाषण जुटाए गए हैं।
इसमें प्रदर्शित एक प्लाज्मा डिस्प्ले में संविधान की प्रस्तावना को विविध भारतीय भाषाओं में पढ़ा जा सकता है। एक डिजिटल फ्लिप बुक में संविधान में वर्णित उद्धरणों की झलक दिखाई गई है। डिजिटल टच वॉल में हमारे विभिन्न राष्ट्रीय प्रतीकों के बारे में जानकारी है, जबकि एक अन्य डिजिटल स्क्रीन पर संविधान की रूपरेखा तैयार किये जाने का क्रमवार विवरण है। एक अन्य डिस्प्ले वॉल पर भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने में विश्व के अन्य देशों के संविधानों से लिए गए प्रभावों का विवरण है।
आरएफआईडी कार्ड रीडर जोकि एक संवाद का डिस्प्ले है, उस पर संविधान सभा के किसी भी सदस्य के नाम का कार्ड रखने पर उसके व्यक्तित्व और उसके योगदान के बारे में स्क्रीन पर पढ़ा जा सकता है। यह एक विशेष आकर्षण का केन्द्र है। इसके लिए तीन श्रेणियों में कार्ड दिए गए हैं- मसौदा समिति के सदस्य, संविधान सभा की महिला सदस्य और संविधान सभा में गुजरात के सदस्य। इनमें हंसा मेहता और कन्हैया लाल मुंशी प्रमुख हैं।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने विजिटर पुस्तिका में लिखा है कि “गैलरी सैंकड़ों दूरदर्शी नेताओं के जबरदस्त प्रयासों में एक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। संग्रह में अतीत की कलाकृतियों को खूबसूरती से दिखाया गया है और उसी परियोजना के लिए हर संभव डिजिटल प्रयास का उपयोग किया गया है।” प्रदर्शनी का दौरा करने वाले प्रमुख व्यक्तियों में केन्द्रीय संसदीय मामलों, कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और विभिन्न राज्य विधानसभाओं के अध्यक्ष थे।
अभिलेखीय प्रदर्शनी के अन्य प्रमुख पैनल में मसौदा समिति के सदस्यों, सरकार और संसद के प्रमुख पदाधिकारियों के हस्ताक्षर, पूर्व और वर्तमान अध्यक्षों आदि का चित्र लगाया गया था। प्रदर्शनी का एक अन्य आकर्षण राज्य विधानसभाओं पर अनुभाग था, जहां एक आगंतुक विभिन्न राज्य विधानसभा भवनों की स्थापत्य सुंदरता और विविधता को देख और सराह सकता है।
कोविड को देखते हुए उपयुक्त व्यवहार को प्रोटोकॉल में शामिल किया गया और स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से टच स्क्रीन डिस्प्ले के संबंध में खास प्रबंध किया गया।केवडिया में पीठासीन अधिकारियों का दो दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन लोकतंत्र के संस्थानों को मजबूत करने और भारत के संविधान और लोकतांत्रिक परंपरा के बारे में जनता में जागरूकता फैलाने के संकल्प के साथ समाप्त हुआ।