Saturday, November 23, 2024
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आज भागदौड़ के जीवन में लोगों में प्रसन्नता का आभाव है : प्रो. संजीव शर्मा

by Newz Dex
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मनुष्य के तनाव भरे एवं भाग दौड़ के जीवन में खुशियां हासिल करने के डा. जय भगवान सिंगला ने दिए टिप्स


न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। नगर की प्रमुख संस्था प्रेरणा आज देश के विभिन्न राज्यों से घरों से निकाले गए एवं अपनों द्वारा नकारे बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में आश्रय ही नहीं दे रही बल्कि समाज सेवा के साथ साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य कर रही है। संस्था के संस्थापक एवं संचालक डा. जय भगवान सिंगला की 37 वीं पुस्तक दा सीक्रेट ऑफ़ हैपीनेस का कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने विमोचन किया। डा. सिंगला ने अपनी पुस्तक विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा को भी भेंट की। इस अवसर पर प्रेरणा की अध्यक्षा रेणु खुंगर, मधु मल्होत्रा, अन्नपूर्णा शर्मा, विमल विनोद वशिष्ठ, हरिकेश पपोसा, अरुण कुमार इत्यादि भी मौजूद रहे।

कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने डा. जय भगवान सिंगला की 37 वीं पुस्तक दा सीक्रेट ऑफ़ हैपीनेस की सराहना करते हुए कहा कि आज लोग तनाव भरे जीवन में खुशियां खोज रहे हैं। ऐसी रचनाओं की समाज को बहुत जरूरत है। प्रेरणा के सदस्यों ने सरकार द्वारा कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का कार्यकाल 3 साल बढ़ाए जाने पर उन्हें बधाई भी दी। विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि डा. जय भगवान सिंगला द्वारा लिखित पुस्तक दा सीक्रेट ऑफ़ हैपीनेस के लिए बधाई देते हैं। आज समाज के लोग विभिन्न तरह की खुशियां ढूंढते हैं। आज भागदौड़ के जीवन में लोगों में प्रसन्नता का आभाव है। डा. सिंगला ने इस पुस्तक में टिप्स दिए हैं कि लोग जीवन में कैसे खुश हो सकते हैं। लोग जीवन की खोई खुशियों को पुस्तक के माध्यम से पा सकते हैं। पुस्तक ही एक ऐसा मित्र है जो व्यक्ति के सारे जीवन में साथ रहता है।

डा. जय भगवान सिंगला ने बताया कि उनकी पुस्तक की विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव दोनों ने सराहना की है। इस पुस्तक से आज के युवाओं को काफी प्रेरणा मिलेगी। आज लोग तनाव से जूझ रहे हैं उन्हें काफी राहत मिलेगी। डा. सिंगला ने बताया कि वे अब तक 40 पुस्तकें जीवन की हर विधा के बारे में लिख चुके हैं। इन पुस्तकों में नाटक, कविता, लघु कहानियां, संस्मरण, लेख सहित हरियाणवी संस्कृति पर 6 पुस्तकें शामिल हैं। इन पुस्तकों में भक्ति, मस्ती, आध्यात्म इत्यादि काफी कुछ शामिल किया है। डा. सिंगला पिछले 11 सालों में करीब 40 पुस्तकें लिख चुके हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा का कार्यकाल 3 साल बढ़ाए जाने पर उन्हें प्रेरणा के सभी सदस्यों द्वारा बधाई भी दी गई।

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