विश्व हिन्दू तख्त प्रमुख शांडिल्य का आह्वान हर मंगलवार अपने इष्ट देवी-देवताओं के मंदिर में जाएँ हर सनातनी
न्यूज डेक्स संवाददाता
अंबाला। विश्व हिन्दू तख्त के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश शांडिल्य एवं अंतर्राष्ट्रीय महासचिव एवं पंजाब प्रभारी स्वामी विकास दास महाराज ने करनाल से आशीष शर्मा को विश्व हिन्दू तख्त का हरियाणा प्रदेश का महासचिव एवं करनाल,सोनीपत,कुरुक्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया और आशीष शर्मा को सनातन को मजबूत करने का संकल्प दिलवाया और उन्हें प्रभार क्षेत्र में नियुक्ति करने का भी जिम्मा सौंपा । शांडिल्य ने कहा यह नियुक्ति स्वामी विकास दास महाराज की सिफारिश पर की गई है और भविष्य में भी अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर पर नियुक्तियाँ की जाएँगी ।
विश्व हिन्दू तख्त के प्रमुख वीरेश शांडिल्य ने देश के सौ करोड़ हिन्दुओं से आह्वान किया कि वह हर मंगलवार को अपने इष्ट देवी-देवता के मंदिर में जाने की आदत डाले। उन्होंने कहा कि शाम को 7 से साढ़े 7 के बीच हिन्दू कहीं भी हो, वह मंदिर अवश्य जाए, क्योंकि वह समय पूजा-अर्चना व आरती का होता है। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि अगर सनातन को मजबूत होना है तो हर हिन्दू को मंदिर जाने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे शुक्रवार को मुसलमान मस्जिद जाता है और रविवार को ईसाई चर्च जरूर जाता है। इसी तरह सौ करोड़ हिन्दुओं को भी मंदिर जाना चाहिए। आज हर जगह मंदिर है। तब जाकर हिन्दू संगठित, शक्तिशाली और सनातन से जुड़ेगा और सनातन में फैली कुरीतियाँ दूर होंगी। विश्व हिन्दू तख्त ने आह्वान किया है कि अब सौ करोड़ हिन्दुओं को माथे पर तिलक, जनेऊ का धारण करना होगा और घरों में त्रिशुल, परसे रखने होंगे। सौ करोड़ हिन्दुओं को आने वाले समय में अपनी रक्षा के लिए हथियारों के लाइसेंस बनवाने चाहिए। ताकि हिन्दू धर्म की रक्षा की जा सके। अपने स्वाभिमान की रक्षा की जा सके। अपनी सनातन संस्कृति की रक्षा की जा सके।
विश्व हिन्दू तख्त ने आह्वान किया है कि जैसे मुसलमान जहां भी होता है, जिस स्थान पर होता है, वहीं नमाज पढ़नी शुरू कर देता है। वहीं अब हिन्दुओं को भी मंदिर जाने का संकल्प लेना चाहिए। चाहे मंदिर घर के बाहर हो, दफ्तर के बाहर हो, दुकान के पास हो, यात्रा के दौरान जहां भी आप रूके हो, वहां मंदिर में जरूर जाएं और हनुमान चालीसा व आरती पढ़े। वीरेश शांडिल्य ने कहा कि भारत में लाखों मंदिर है। अगर हर मंदिर में सिर्फ 50 से 100 लोग भी पहुंचेंगे और एक साथ उनके घंटों, शंखो व आरती की आवाजों की गूंज आएगी तो निश्चित तौर पर भारतीय संस्कृति और हिन्दुओं को ताकत मिलेगी।