पत्रकार को समाचार को रोचक बनाने के चक्कर में सत्यता को नहीं छिपाना चाहिए : सुनील आंबेकर
कहा, समाज व राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर करें समाचार का प्रकाशन
विश्व संवाद केंद्र, हरियाणा द्वारा 9वें पत्रकार सम्मान समारोह का किया गया आयोजन
एनडी हिंदुस्तान संवाददाता/दीपक शर्मा
पंचकूला। देश में पत्रकारिता का शुभारंभ एक मिशन के तौर पर हुआ था। आजादी के आंदोलन में भी पत्रकारों ने सक्रिया भूमिका निभाई थी। आजादी के आंदोलन में जितने भी स्वतंत्रता सेनानी थे उनमें से अधिकतर पत्रकारिता से जुड़े हुए थे। इसलिए ब्रिटिश काल में पत्रकारों को काफी प्रताडि़त किया जाता था और उन्हें तरह-तरह की यातनाएं दी जाती थी लेकिन पत्रकारों ने इतनी प्रताडऩा के बाद भी हार नहीं मानी और वह पूरी निडरता के साथ आजादी के लिए आवाज उठाते रहे क्योंकि उनको यह प्रेरणा हमारी संस्कृति से मिली थी और देवर्षि नारद पत्रकारिता के प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सैनी रविवार को विश्व संवाद केंद्र न्यास, हरियाणा द्वारा ब्रह्मांड के आदि पत्रकार देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर पंचकूला के जैनेंद्र गुरुकुल स्थित आत्मा ऑडिटोरियम हाल में आयोजित राज्य स्तरीय 9वें पत्रकार सम्मान समारोह को बतौर मुख्यातिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष मार्कण्डेय आहूजा ने की। मुख्य वक्ता के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, विशिष्टï अतिथि के तौर पर वरिष्ठï टी वी एंकर श्रीवर्धन त्रिवेदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र प्रचार प्रमुख अनिल कुमार, समाज सेवक संतराम शर्मा, गोपाल तायल, राहुल राव, विश्व संवाद केंद्र के सचिव राजेश कुमार भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय वंदेमातरम से किया गया। विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष डॉ. मार्डकण्डेय आहूजा ने कार्यक्रम में पहुंचने पर सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
नायब सैनी ने कहा कि अगर हम देवर्षि नारद के समय की पत्रकारिता की बात करें तो उस समय एक स्टीक पत्रकारिता होती थी। देवर्षि नारद बड़ी सकारात्मकता की पत्रकारिता करते थे। वह दोनों पक्षों की बात सुनकर बड़ी सूक्ष्मता से विशलेषण करने के बाद ही सूचना का आदान-प्रदान करते थे। लेकिन अब धीरे-धीरे पत्रकारिता का स्वरुप बदल रहा है। हमें देवर्षि नारद के जीवन से प्रेरणा लेते हुए संसाधनों के अभाव में भी सकारात्मक व राष्टï्रहित की पत्रकारिता कैसे की जा सकती है यह सीखना चाहिए। हरियाणा सरकार निरंतर मीडिया कर्मियों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। हरियाणा सरकार द्वारा 7 दिसंबर 2017 को पत्रकारों के लिए पैंशन लागू की गई। इसके साथ ही पत्रकारों की पेंशन में बढ़ौतरी करते हुए 10 हजार से बढ़ाते हुए 15 हजार करने का काम किया। आज 200 पत्रकार इस योजना का लाभ ले रहे हैं। वहीं पत्रकारों के कार्य क्षेत्र में जोखिम को देखते हुए 22 अक्तूबर 2018 को इंश्योरेंश कवर देने का काम हरियाणा सरकार ने किया है। हरियाणा सरकार द्वारा पत्रकारों को 10 लाख रुपए तक का इंश्योरेंश दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने विश्व संवाद केंद्र के प्रयासों की सहराहना करते हुए कहा कि विश्व संवाद केंद्र पत्रकारों के हित के लिए प्रयासरत है और यह पिछले 9 वर्षों से इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर पत्रकारों का मान-सम्मान बढ़ाने का काम कर रहा है।
मुख्य वक्ता अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि पत्रकारिता का क्षेत्र संख्या के हिसाब से भले ही बहुत छोटा है लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। पत्रकार को 24 घंटे सातों दिन सक्रिय रहना पड़ता है और स्वयं को अपडेट रखना पड़ता है। कोरोना जैसी महामारी में जब सब लोग घरों में कैद थे तो भी पत्रकारों अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी जिम्मेदारी निभाई। सुनील आंबेकर ने कहा कि पत्रकार सच्ची जानकारी समाज और राष्ट्र हित में सामने लाएं। आज पत्रकार जिस तरह से जमीन स्तर पर जाकर रिपोर्टिंग करते हैं उसके बाद ही सच्चाई हमारे सामने आ पाती है। पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी हैं जिनकी वजह से लोकतंत्र मजबूत होता है। उन्होंने कहा कि पत्रकार अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखकर बिना किसी स्वार्थ के समाचार देते हैं उससे ही हमारा समाज जुड़ता है। उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति के इस युग में हमें खबरें ऐसे प्रस्तुत करनी चाहिए जिनका समाज पर बुरा प्रभाव न पड़े। उन्होंने कहा कि इसी माह की 25 तारीख को सारे देश ने आपातकाल के काले अध्याय को याद किया। उन्होंने कहा कि बुरी घटनाओं को इसलिए भी याद करना चाहिए ताकि कोई फिर राष्ट्र पर ऐसा आघात न करें। उन्होंने पत्रकारों से आह्वïान करते हुए कहा कि पत्रकार को कभी भी समाचार को रोचक बनाने के लिए सत्यता को नहीं छिपाना चाहिए। समाचार को प्रकाशित करते समय समाज व राष्टï्रहित का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।
पत्रकारिता व्यवसाय नहीं जीवन जीने की शैली
वरिष्ठï पत्रकार श्रीवर्धन ने कहा कि देवर्षि नारद हमेशा सही समय पर सही व्यक्ति तक सही सूचना पहुंचाते थे। इसलिए देवर्षि नारद पत्रकारों के प्रेरणा स्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में अंशुलीक पत्रकार का बहुत योगदान है। यदि अंशुलीक पत्रकार सही समय पर सही जानकारी अपने मीडिया संस्थान तक नहीं पहुंचाए तो कोई संस्थान धरातल के समाचार को अपने पाठकों व दर्शकों तक सम्प्रेषित नहीं कर पाएगा। इसलिए पत्रकारिता के क्षेत्र में कोई छोटा या बड़ा पत्रकार नहीं होता। उन्होंने कहा कि हमें परिवर्तन से कभी घबराना नहीं चाहिए। परिवर्तन को अंगीकार करते हुए चुनौतियों का सामना करना चाहिए और बुराई को त्याग कर सत्यता को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता व्यवसाय नहीं यह तो जीवन जीने की शैली है। इसलिए हमें स्वयं का विस्तार करते हुए इस क्षेत्र में आगे बढऩा चाहिए।
इन-इन पत्रकारों को मिला सम्मान
विश्व संवाद केंद्र के सचिव राजेश कुमार ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा करने वाले मीडिया कर्मियों (पत्रकार, स्तंभकार आदि) को सम्मानित किया गया। पिछले 9 वर्षों की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त हुए थे। सम्मान के योग्य आवेदकों का चयन 7 सदस्यीय चयन समिति द्वारा किया गया। पत्रकारिता के लिए सम्मान (वर्ष 2023-24) में दिए जाने वाले पुरस्कारों में पंचकूला निवासी कश्मीर चंद मलकानी को देवर्षि नारद आजीवन उत्कृष्ट पत्रकारिता सम्मान, चंडीगढ़ के साईं वैद्यनाथन को हरियाणा पत्रकारिता गौरव नारद सम्मान, महिला पत्रकारिता गौरव नारद सम्मान, जींद निवासी स्वर्गीय परमजीत पंवार को देवर्षि नारद सेवा सम्मान, फरीदाबाद निवासी अमित चौधरी को देवर्षि नारद सामाजिक सरोकार पत्रकारिता सम्मान, अम्बाला निवासी उमेश भार्गव को ग्रामीण विषयक पत्रकारिता नारद सम्मान, कैथल निवासी ईश्वर चंद गर्ग को नागरिक पत्रकारिता नारद सम्मान, पंचकूला निवासी डॉ. रुपिका को देवर्षि नारद नवोदिता पत्रकार पुरस्कार तथा करनाल निवासी पंकज कुमार को उत्कृष्टï फोटो पत्रकारिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।