एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य बॉर्डर खुलवाने को लेकर पूरी तैयारी से पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट, वासु रंजन शांडिल्य सुप्रीम कोर्ट में सॉलीसेटर जरनल तुषार मेहता से भी मिले
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
अंबाला । पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य जिन्होंने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर जनहित याचिका दायर की थी लेकिन हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर आज सुनवाई होनी थी कि शंभू बॉर्डर अभी खुलेगा या नहीं लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट में हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। वासु रंजन शांडिल्य ने बताया कि अब इस केस में सुनवाई 24 जुलाई दिन बुधवार को जस्टिस सुर्यकांत व जस्टिस उजल भूयन की कोर्ट में सुनवाई होगी। वासु रंजन शांडिल्य आज पूरी तैयारी में शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर दोपहर 3 बजे तक जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस उजल भूयन की कोर्ट में अपने एडवोकेट ऑन रिकार्ड साथी तुषार खैरनार के साथ मौजूद रहे। वासु रंजन शांडिल्य ने इस मौके पर पत्रकारों को बताया कि आज शंभू बॉर्डर खुलेगा या नहीं इसको लेकर सुनवाई होनी थी लेकिन आज सुनवाई स्थगित हो गई और अब सुनवाई 24 जुलाई दिन बुधवार को होगी। वासु रंजन शांडिल्य ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से 24 जुलाई को मांग करेंगे कि नेशनल हाईवे व स्टेट हाईवे कभी जाम न हो इसके लिए राज्य सरकारों व राज्य के उच्च न्यायलायों को दिशा निर्देश जारी करने की मांग उठाएंगे वहीं पत्रकारों को कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में यह भी मांग उठाएंगे कि कब तक लॉ एंड आर्डर की स्थिति ठीक करने के नाम को लेकर नेशनल हाइवे गैर कानूनी ढंग से बंद होते रहेंगे। वासु रंजन ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से अपना पक्ष रखते हुए हरियाणा पंजाब के लोगों व किसानों की आवाज बनेंगे और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे कि संविधान से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त गाइड लाइन जारी हों।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने बताया कि उन्होंने आज सुप्रीम कोर्ट के सोलीसेटर जरनल तुषार मेहता से भी शिष्टाचार मुलाकात की और उन्हे बताया कि उन्होंने शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष वह यह बात भी मजबूती से रखेंगे कि जो भी लोग या सरकारें संविधान की उल्लंघना करती हैं लोगों के संवैधानिक, मौलिक व मानवाधिकारों का हनन करती हैं उनके खिलाफ खंडपीठ सख्त रवैया तैयार करें क्योंकि कानून व्यवस्था के नाम पर छह छह महीने तक बॉर्डरों को सील नहीं किया जा सकता। और लोगों को सरकारें कानून व्यवस्था के नाम पर भुखमरी के कगार पर नहीं ला सकती इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को अहम निर्णय देकर 140 करोड़ जनता को कानूनी संरक्षण देकर संविधान का मजबूत कवच बनने का संदेश देना होगा।