वैश्विक व्यापार एवं समुद्री संसाधनों का अहम हिस्सा है इंडो-पैसिफिक : संयुक्त सचिव परमिता त्रिपाठी
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की समस्याओं का समाधान आपसी सहयोग एवं शांति में निहित : प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा
कुवि के इंडो-पैसिफिक सेंटर एवं भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के इंडो-पैसिफिक डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का सफल समापन
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के इंडो-पैसिफिक डिवीजन की संयुक्त सचिव परमिता त्रिपाठी ने कहा है कि इंडो-पैसिफिक आपसी सहयोग एवं विकसित विश्व व्यवस्था का प्रतीक है। इसके साथ ही वैश्विक व्यापार एवं समुद्री संसाधनों का इंडो-पैसिफिक अहम हिस्सा भी है। ये संसाधन न केवल इस क्षेत्र के देशों की आर्थिक सुरक्षा के लिए बल्कि समग्र रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। वे मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंडो-पैसिफिक स्टडीज व भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के इंडो-पैसिफिक डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास विषय पर आयोजित दो दिवसीय उच्च स्तरीय तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन अवसर बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी। उन्होंने इस सम्मेलन के आयोजन के लिए कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा को बधाई दी तथा उनके दूरदर्शी प्रयास की सराहना करते हुए यह सम्मेलन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के सकारात्मक भविष्य को आकार दे रहा है।
संयुक्त सचिव परमिता त्रिपाठी ने कहा कि इंडो पैसिफिक केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है, बल्कि सहयोग, सुरक्षा एवं आपसी संयोजन को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2018 में सिंगापुर की शांगरीला वार्ता में इंडो-पैसिफिक को भारतीय और प्रशांत महासागर के बीच एक अहम कड़ी के रूप इसके व्यापक दृष्टिकोण को रेखांकित किया था। वहीं 2019 में बैंकॉक में पूर्वी-एशिया शिखर सम्मेलन में, प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने समुद्री क्षेत्र के प्रबंधन, संरक्षण, सुरक्षा और विकास के लिए सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इंडो-पैसिफिक महासागर पहल की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और क्षेत्रीय विवादों से लेकर जलवायु परिवर्तन और गैर-पारंपरिक खतरों जैसे अवैध मछली पकड़ने, तस्करी और समुद्री डकैती तक कई महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी प्रकार की चुनौतियों एवं समस्याओं का समाधान पर विचार के लिए आयोजित यह सम्मेलन एक ऐसा मंच प्रदान कर रहा है जो न केवल इंडो-पैसिफिक के लिए प्रासंगिक हैं बल्कि इसमें वैश्विक कल्याण की भावना भी निहितार्थ हैं।