Saturday, November 23, 2024
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भारत को पुनः: विश्व गुरु बनाने के लिए महर्षि दयानंद की शिक्षाओं को अपनाने की जरूरत : मुख्यमंत्री

by Newz Dex
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गुरुकुल कुरुक्षेत्र में आयोजित आर्य महासम्मेलन को मुख्यमंत्री श्रीनायब सिंह सैनी ने किया संबोधित

कहा- गुरूकुलों में तैयार किए जा रहे अच्छे नागरिक

समारोह में गुजरात के राज्यपाल एवं गुरुकुल के संस्थापक आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की

एनडी हिन्दुस्तान

चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि भारत को पुन: विश्व गुरु बनाने के लिए युवा पीढ़ी को महर्षि दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करने की जरूरत है। इसके लिए हमें युवाओं को अच्छी शिक्षा व संस्कार देने चाहिए। इस कार्य को गुरुकुल कुरुक्षेत्र के साथ-साथ आर्य समाज की तरफ से चलाए जा रहे अन्य गुरुकुल संस्थानों द्वारा भी बखूबी से किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री आज गुरुकुल कुरुक्षेत्र में आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा की तरफ से आयोजित आर्य महासम्मेलन के समापन समारोह को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री श्री सैनी ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, पूर्व राज्यमंत्री श्री सुभाष सुधा के साथ गुरुकुल का भ्रमण किया और देसी गाय की गौशाला का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने आर्य समाज के प्रणेता महर्षि दयानंद सरस्वती के 200वें जयंती वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश की प्रगति तथा मानव कल्याण के लिए आर्य समाज के प्रतिनिधियों ने आज इस दो दिवसीय आर्य महासम्मेलन में गहन विचार-मंथन किया है इससे समाज को एक नई दिशा मिलेगी। इस आयोजन के लिए आर्य समाज के लोग बधाई के पात्र है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि दयानंद ने वर्ष 1875 में आर्य समाज का गठन किया था। इस समाज ने धर्म, समाज और राष्ट्र के लिए अभूतपूर्व कार्य किए। वैदिक आदर्शों और संस्कृति के प्रति निष्ठा जताते हुए जातिवाद का अंत करने, सबको पढ़ने का अधिकार, स्त्री शिक्षा, विधवा विवाह, छूआछूत को समाप्त करने व गौ-रक्षा आदि के लिए उल्लेखनीय कार्य भी किए हैं। उन्होंने कहा कि जब भारत परतंत्र था तब महर्षि दयानंद ने देश में स्वराज की मशाल जलाई। देश की आजादी के आंदोलन में आर्य समाज की अहम भूमिका रही। स्वामी श्रद्धानंद , महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय, वीर सावरकर और राम प्रसाद बिस्मिल जैसे महान देशभक्तों का नाम शामिल है। अमर शहीद मदन लाल ढींगरा और शहीदे आजम भगत सिंह जैसे वीरों के जीवन पर भी आर्य समाज की गहरी छाप थी।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से दुनिया में  भारत की अमूल्य विरासत को मिला  पुन: सम्मान

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संगठन  महासभा द्वारा हर वर्ष 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। इससे दुनिया में भारत की इस अमूल्य विरासत को पुन: सम्मान मिला है। हरियाणा सरकार ने योग को बढ़ावा देने के लिए योग आयोग के गठन के साथ-साथ गांवों में योग और व्यायामशालाएं खोलने की पहल की है, ताकि लोग प्राचीन विधा योग के साथ-साथ ग्रामीण आंचल के कबड्डी-कुश्ती जैसे खेलों का अभ्यास कर सके।

भारत आध्यात्मिक गुरू का अपना प्राचीन गौरव फिर से करेगा हासिल

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्य समाज के प्रगतिशील विचारों को आज फिर उसी संकल्प, निष्ठा और समर्पण के साथ गांव-गांव और गली-गली तक पहुंचाने की जरूरत है। इससे भारत आध्यात्मिक गुरू का अपना प्राचीन गौरव फिर से हासिल करेगा। इसी लक्ष्य को लेकर हरियाणा में शिक्षा के स्तर को उन्नत करने के लिए नए-नए कदम उठाए जा रहे हैं।

सरकार ने गुरुकुलों व संस्कृत पाठशालाओं को दिया अनुदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गुरुकुलों व संस्कृत पाठशालाओं को अनुदान देने की पहल की है। कैथल जिले के मुंदड़ी में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है। स्कूली पाठ्यक्रम में गीता का सार, स्वच्छता, योग व नैतिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

कार्यक्रम में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज पूरा देश महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती वर्ष मना रहा है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान में आर्य समाज के प्रतिनिधि युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं और महर्षि दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। आर्य समाज के प्रतिनिधि देश में पर्यावरण को बचाने, जल संरक्षण, देसी गाय का संरक्षण, किसानों को समृद्ध बनाने के लिए प्राकृतिक खेती को आंदोलन का स्वरूप देने का काम कर रहे है। उन्होंने सम्मेलन में आर्य समाज के प्रतिनिधियों से न केवल अपील की बल्कि संकल्प दिलवाया गया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना है, इसके लिए देश के नागरिकों को अच्छी शिक्षा और संस्कार तथा देश की प्राचीन संस्कृति और धरोहर के प्रति आमजन को जागरूक करेंगे। उन्होंने गुरुकुल कुरुक्षेत्र की 200 एकड़ भूमि पर की जा रही है प्राकृतिक खेती और गुरुकुल कुरुक्षेत्र में विद्यार्थियों को दी जा रही अच्छी शिक्षा और संस्कारों पर विस्तृत जानकारी दी।

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