अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी
केंद्रीय उर्जा मंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, पूर्व मंत्री कंवरपाल, पूर्व राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने की महाआरती
दीपोत्सव पर हजारों दीपों की रोशनी से जगमगा उठा सन्निहित सरोवर और ब्रह्मसरोवर का तट
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 पर दीपदान कर मुख्यमंत्री ने निभाई परंपरा
एनडी हिन्दुस्तान
कुरुक्षेत्र । भगवान श्रीकृष्ण की कर्मस्थली कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, बिजली, आवास और शहरी मामले केबिनेट मंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, पूर्व मंत्री कंवरपाल, पूर्व विधायक सुभाष सुधा ने शंखनाद और मंत्रौच्चारण के बीच सन्निहित सरोवर पर गीता महापूजन के साथ ब्रहमसरोवर के पावन तट पर दीपदान किया। इस दीपदान के साथ ही परम्परा अनुसार अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 पर जयंती कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस महाआरती की संध्या में दीपोत्सव मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा। इस दीपोत्सव में जहां सन्निहित सरोवर और ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर हजारों दीपक रोशन हुए, वहीं कुरुक्षेत्र और 48 कोस के तीर्थ स्थलों पर भी दीपक रोशन किए गए। इस समापन समारोह पर दीपोत्सव का यह दृश्य अदभुत और मनमोहक रहा। इस दौरान हवा में रंग-बिरंगे हिंडौले भी छोड़े गए और आतिशबाजी का नजारा भी देखने लायक था।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2024 में पुरुषोतमपुरा बाग ब्रहमसरोवर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, बिजली, आवास और शहरी मामले केबिनेट मंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, पूर्व मंत्री कंवरपाल, पूर्व विधायक सुभाष सुधा, मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, उपायुक्त नेहा सिंह, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, भाजपा के जिलाध्यक्ष सुनील राणा, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, प्राधिकरण के सदस्य डा. प्रीतम सिंह व सौरभ चौधरी, जिला परिषद की चेयरमैन कंवलजीत कौर, जिप उपाध्यक्ष डीपी चौधरी ने मंत्रोंच्चारण के बीच विराट महाआरती में भाग लेकर दीपदान भी किया। इस आरती का मंत्रौच्चारण बलराम गौतम ने करवाया। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में गीता और ब्रहमसरोवर आरती से पहले पवित्र ग्रंथ गीता के श्लौका का उच्चारण शुरु हो गया था इन श£ोकोंच्चारण से धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र की पूरी फिजा गीतामय हो गई। इसके साथ ही विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से सन्निहित सरोवर और ब्रहमसरोवर हजारों दीपकों को रोशन किया गया। इन दीपों की रोशनी से ब्रहमसरोवर का पूरा तट जगमगा उठा और एक मनमोहक दृश्य नजर आया।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेशवासियों को दीपोत्सव और जयंती समारोह की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में गीता जयंती का यह समारोह दीपोत्सव के कारण बहुत अदभुत रहा और हजारों दीपों की दीपमाला से ब्रहमसरोवर ही नहीं कुरुक्षेत्र का दृश्य अदभुत नजर आया। भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की ही भूमि पर महाभारत के युद्घ के बीच एक ऐसा शांति का संदेश दिया जो आज गीता उपदेश नाम से पूरे विश्व को प्रकाशमय कर रहा है। इस पवित्र ग्रंथ गीता में जीवन जीने का सार वर्णित किया गया है। इस महाभारत के बीच शांति का संदेश देना किसी भी इतिहास में नजर नहीं आया है। उन्होंने कहा कि महोत्सव के कार्यक्रमों को आनलाईन प्रणाली से देश-विदेश तक पहुंचाया गया। इस महोत्सव के संत सम्मेलन, वैश्विक गीता पाठ, दीपोत्सव बेहतरीन कार्यक्रम रहे।
उन्होंने कहा कि 28 नवंबर से अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव के सभी कार्यक्रमों को अच्छे ढंग से आयोजित करने और शहर की समाजसेवी संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित करके प्रशासन ने सराहनीय कार्य किया है तथा आने वाले समय में शहर की संस्थाओं के सहयोग से महोत्सव को ओर यादगार बनाया जाएगा। यह महोत्सव आमजन का महोत्सव है, इसलिए कुरुक्षेत्र प्रशासन और केडीबी के प्रयास सराहनीय रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव में उपराष्टï्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र शेखावत, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय उर्जा मंत्री मनोहर लाल, राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, अनेक मंत्री, विधायकों, साधु-संतों सहित अन्य गणमान्यों व्यक्तियों ने शिरकत की है।
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दीपोत्सव में रंग-बिरंगे हिंडोले व ग्रीन आतीशबाजी भी बनी आकर्षण का केन्द्र
उपायुक्त नेहा सिंह ने कहा कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव-2024 के दीपदान समारोह पर सांध्यकालीन आरती के तुरंत बाद ब्रहमसरोवर के तट से रंग-बिरंगे हिंडोल छोड़े गए और ग्रीन आतीशबाजी की गई। इस ग्रीन आतिशबाजी से निकलने वाली रोशनी ने ब्रहमसरोवर की फिजा को रंगीन कर दिया। इस महोत्सव में सरस व शिल्प मेला 15 दिसंबर तक जारी रहेगा।