कृष्ण कृपा गौशाला में दूसरे दिन की भागवत कथा में समाजसेवी कुलदीप शर्मा गोल्डी सहित अनके गणमान्य हुए शामिल
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद जी के सानिध्य में सेवारत श्री कृष्ण कृपा गौशाला में आयोजित भागवत कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ से अमृत वर्षा करते हुए भागवताचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने कहा कि मानव कल्याण हेतु भागवत की रचना व्यास जी ने की थी। यह ग्रंथ उन सबके लिए है जो सत्य को मानते हैं। कथा का शुभारंभ भाजपा के जिला प्रधान राजकुमार सैनी, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड़ के सदस्य सुशील राणा, प्रसिद्ध समाजसेवी कुलदीप शर्मा गोल्डी, राकेश जिंदल, मेनका गोयल और आज के यजमान हंसराज सिंगला, संगीता सिंगला, पिंकी जिंदल और बलवंत सिंह ने भागवत पूजा व दीप प्रज्जवलित करके किया। कथावाचक शास्त्री जी ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया।
विष्णुकांत शास्त्री ने कहा कि भागवत का प्रारंभ वेदव्यास जी द्वारा भगवान को नमन करके नही बल्कि सत्य को नमन कर किया था। यह केवल सनातन धर्म का ही नही बल्कि उन सबका ग्रंथ है जो सत्य को मानते हैं। व्यास जी ने भगवान कृष्ण को सत्य के रूप में संबोधित किया। देवताओं ने भी सत्य से ही भगवान कृष्ण का संबोधन किया। उन्होंने कहा कि सारा जगत विष्णुमय है। जल का काम बहना है और गिरीराज पर्वत का काम टिके रहना है लेकिन जब वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण ने बांसुरी बजाई तो उसकी धुन सुनकर गिरीराज अपना स्वभाव छोड़कर पिघल गए और यमुना जी अपना बहने का स्वभाव छोड़कर स्थिर हो गई थी यह भगवान की बासुंरी का ही कमाल था।
उन्होंने कहा कि वृंदावन मथुरा और द्वारका तीनों ही सत्य हैं। इन तीनों धामों का आश्रय लेने पर जीवन संसार के आवागमन से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त होता है। शास्त्री ने भागवत कथा का रसवादन करवाते हुए कहा कि यह गारंटी मीठा फल होता है। जिस प्रकार तोता उसी फल में चोंच मारता है जो मीठा होता है, भागवत कथा में भी सुखदेव जी की चोंज मारी हुई है इसलिए यह गारंटी वाला मीठा फल है। उन्होंने कहा कि रसिक व भावुक दो किस्म के लोगों को ही भागवत कथा सुनने का अधिकार है। भावुक व रसिक व्यक्ति ही इसको सुन सकता है।
उन्होंने भागवत जी का मातम बताते हुए कहा कि राजा परिक्षित ने भागवत कथा सुनने के लिए अमृत का भी त्याग दिया था। इस अवसर पर विजय नरूला, भारतभूषण गाबा, सब इंस्पेक्टर विनोद शर्मा, श्री कृष्ण कृपा गौशाला के महासचिव सुनील वत्स, मंगतराम जिंदल, कृष्ण लाल, मंगतराम मैहता, सविता शर्मा, मीनाक्षी नरूला, रमाकांत शर्मा, पवन भारद्वात, गिरवर शर्मा, श्याम लाल आहुजा, केके कौशल सहित भारी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का रसावादन किया।