न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद,8 अगस्त। श्री राम मन्दिर शिलान्यास महोत्सव से लौटे हरियाणा से एकमात्र संत गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द जी महाराज ने बताया कि अयोध्या के लिए वास्तव में यह दिन एक नए इतिहास का प्रारम्भ है। वस्तुत: श्री राम मन्दिर के भूमि पूजन और शिलान्यास से अयोध्यावासी और उस क्षेत्र के समस्त जन मानस में नए उत्साह का संचार हुआ है क्योंकि जब से श्री राम मन्दिर को लेकर संघर्ष अभियान के वातावरण चले हैं तब से लेकर कहीं-न-कहीं अयोध्या में, अयोध्यावासियों में कुछ निराशाएं सी व्याप्त थीं कि क्या होगा-कब होगा। श्री राम मंदिर के शिलान्यास से प्रत्येक अयोध्या वासी के चेहरे पर एक नया उल्लास दिखाई दिया। भविष्य की अयोध्या को लेकर उनके मन में बहुत सी सम्भावनाऐं दिखाई दी और यह सत्य भी है क्योंकि श्री राम मन्दिर निर्माण से जहां एक ओर करोड़ों राम भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है। वहीं अब अयोध्या नगरी विश्व भर के लिए पर्यटन का एक विलक्षण केन्द्र भी बनने जा रही है यही नहीं अयोध्या का सूनापन जो वर्षों से दिखाई दे रहा था अब अयोध्या पूरे विश्व के लिए एक आकर्षण का केन्द्र बनेगी। जहां तक श्री राम मन्दिर निर्माण की बात है यह चर्चा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से हुई। मन्दिर निर्माण से पूर्व ही उनके अनुसार राम मन्दिर केवल मन्दिर तक ही सीमित नहीं रहने वाला राम मन्दिर एक ऐसी प्रेरणा बनेगा जहां प्रभु राम के आदर्श व्यावहारिक रूप में दिखाए जाऐंगे। विश्व को बताया जाएगा कि राम का अवतार क्या था यहां विश्व को प्रेरणा दी जायेगी कि राम का बाल्य स्वरूप आज की शिशू जगत के लिए, आज के बालको के लिए, युवाओं के लिए एक बहुत दिव्य प्रेरणा है। माता-पिता, गुरुजनों को प्रणाम करना, उनकी आज्ञा मानना, विनम्र रहना तो वहां से इस ढंग के संस्कार मिलेंगे। भाई-भाई का प्रेम कैसा हो वो मन्दिर भातृ प्रेम का आदर्श बनेगा, यह मन्दिर मैत्री की प्रेरणा बनेगा कि स्वस्थ मैत्री कैसी होनी चाहिए तो वो मन्दिर उस मन्दिर के साथ पारिवारिक सद्भावनाओं की प्रेरणा जुटेंगी उस मन्दिर के साथ मानवीय मूल्य, मानवीय संवेदनाएं जुड़ेंगी और विशेष बात यह मन्दिर समता-समरसता और सद्भावना की एक वैश्विक प्रेरणा के रूप में सामने आएगा। विश्व के सामने सन्देश जाएगा कि राम वो है जो निषाद को भी गले लगा सकते हैं। जो भील जाति की शबरी के पास स्वयं जाकर उसके झूठे बेर फल खा सकते हैं तो इस समरसता का संदेश यहां से विश्व के सामने जाएगा तो इस ढंग से जहां एक ओर अयोध्या का स्वरूप नया बनेगा, अर्थ तन्त्र मजबूत होगा वहीं साथ-ही-साथ अयोध्या पूरी विश्व के लिए पर्यटन की दृष्टि से आदर्श का केन्द्र बनेगी और दूसरी बात भगवान राम लला के दिव्य दर्शनों के साथ-साथ अयोध्या के हर वर्ग, हर क्षेत्र के लिए संस्कारों की एक अद्भुत प्रेरणा यह मन्दिर बनेगा। हमारी सब के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। स्वामी जी ने बताया कि उस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जिस ढंग से अयोध्या और राम के महत्त्व को खुले शब्दों में कहा वह भी एक राष्ट्र के गौरव की अभिव्यक्ति ही दिखाई दे रही थी और इस रूप में ये राम मन्दिर का शिलान्यास भूमि पूजन विश्व बन्धुत्त्व की, विश्व मंगल की ही एक आदर्श प्रेरणा बनेगा।