रेमडेसिविर की कालाबाजारी न हो, इसके लिये औषधि निरीक्षक करेंगे औचक निरीक्षण
न्यूज डेक्स इंडिया
भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिये राज्य सरकार हर स्तर से प्रयासरत है। मरीजों के इलाज के लिये जहाँ एक ओर लगातार बिस्तरों में वृद्धि की जा रही है, वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन सप्लाई निर्बाध बनी रहे, इसके भी प्रयास किये जा रहे हैं।
सारंग ने बताया कि अभी तक प्रदेश में लगभग 38 हजार बिस्तर हैं, जिसकी संख्या में वृद्धि कर एक लाख तक ले जाया जा रहा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिये निर्माताओं से भी सीधी बात की जा रही है। प्रदेश में आज ही 13 हजार 480 यूनिट प्राप्त हुए हैं। नागपुर से इंदौर आई इन यूनिटों में से 10 हजार यूनिट को 6 हेलीकॉप्टर की मदद से राज्य के शासकीय मेडिकल महाविद्यालय और जिला अस्पतालों को पहुँचाया जा रहा है, शेष 3,480 यूनिट प्रायवेट चिकित्सालयों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
सारंग ने बताया कि अब रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण स्टॉकिस्ट के माध्यम से प्रायवेट सेक्टर में अस्पतालों/नर्सिंग होम को सीधा होगा। जिला प्रशासन एवं संबंधित जिले का औषधि निरीक्षक यह अवश्य सुनिश्चित करेगा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण जिले स्थित सभी प्रायवेट सेक्टर में अस्पतालों/नर्सिंग होम को हो रहा है या नहीं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जायेगा कि इंजेक्शन की कालाबाजारी नहीं हो। इसके लिये औषधि निरीक्षकों को औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये हैं।
सारंग ने बताया कि ऑक्सीजन के परिवहन को त्वरित एवं प्रभावी बनाने के लिये राज्य शासन द्वारा अनुमति प्राप्त ऑक्सीजन वाहन को एम्बुलेंस के समकक्ष माना गया है। ऑर्गन ट्रांसप्लांट के समय जिस प्रकार ग्रीन कॉरीडोर निर्मित किया जाता है, उसी तर्ज पर ऑक्सीजन के टैंकरों के लिये भी ग्रीन कॉरीडोर बनाया जायेगा। साथ ही पुलिस की गाड़ी पायलेटिंग करते हुए इन ऑक्सीजन टैंकर्स को गंतव्य तक पहुँचाएगी। प्रदेश में ऑक्सीजन के परिवहन के लिये दो अतिरिक्त टैंकरों सहित कुल 9 टैंकरों के माध्यम से ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही है।