मदर नेचर अनलिमिटेड (यूके) संस्था की तरफ से तीर्थों पर लगाई जाएंगी त्रिवेणी
कुरुक्षेत्र के तीर्थों को हरा-भरा करने का किया जाएगा प्रयास सांसद नायब सिंह सैनी
मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा सहित अन्य मेहमानों ने ज्योतिसर तीर्थ पर की पूजा-अर्चना
ज्योतिसर तीर्थ के प्रांगण में त्रिवेणी को किया रोपित
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते है और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड को छोडऩे के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते है। जिससे वायु शुद्ध और ताजी बनती है। जितने हरे-भरे पेड़ होंगे उतना अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे।
सांसद नायब सिंह सैनी बुधवार को मदर नेचर अनलिमिटेड (यूके) संस्था व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के तत्वाधान में ज्योतितसर तीर्थ पर मिशन ग्रीन प्रोजैक्ट त्रिवेणी को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले सासंद नायब सिंह सैनी, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, महामंत्री सुशील राणा, युवा नेता साहिल सुधा, केडीबी सदस्य केसी रंगा, शुचि स्मिता, विजय नरुला ने राम नवमी के अवसर पर ज्योतिसर तीर्थ पर पूजा अर्चना की और तीर्थ पर चल रही परियोजनाओं को देखा। इस दौरान सभी मेहमानों ने ज्योतिसर तीर्थ के प्रांगण में त्रिवेणी को भी रोपित किया।
सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि मदर नेचर अनलिमिटेड (यूके) संस्था द्वारा कुरुक्षेत्र के तीर्थों को हरा-भरा व पर्यावरण को शुद्घ करने के लिए त्रिवेणी लगाई जाएगी और संस्था द्वारा 2 साल तक इन पौधों की देखभाल भी की जाएगी। इस कार्य में यूके से संस्था के संचालक दीपक कुमार द्वारा अहम सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदूषण का स्तर इन दिनों बहुत अधिक बढ़ रहा है। इससे लडऩे का एकमात्र तरीका अधिक से अधिक पेड़ लगाना है। पेड़ों से घिरे क्षेत्र, गांव और जंगल शुद्ध पर्यावरण को बढ़ावा देते है। मनुष्य के जीवन में वृक्षों का बहुत ही विशेष महत्व है। पेड़ धरती माता के बेटे है और हमारे मित्र भी। वृक्षों से हमें फल, सब्जियां, लकडिय़ां, आदि प्राप्त होती है। लकड़ी से फर्नीचर, कागज, गोंद, आदि वस्तुए तैयार की जाती है। इसके अलावा पेड़ों से बहुत सारी औषधियां तैयार की जाती है, जो हमारे शरीर से संबंधित कई प्रकार के रोगों का उपचार करने में हमारी मदद करती है।
आज के इस आधुनिक युग में पेड़ो की संख्या में बहुत कमी हो रही और मनुष्य जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी है इसलिए वृक्षारोपण करना बहुत जरूरी है। पौधा रोपण के साथ-साथ हमें पेड़ों की रक्षा करनी होगी और लोगों को पेड़ काटने से रोकना होगा, इनका हम पर बहुत उपकार है, यदि हमारे जीवन में हमें एक अच्छा जीवन चाहिए तो हमें अपने बच्चों की तरह इन पेड़-पौधों को पालना होगा। शुद्ध हवा और ऑक्सीजन के बिना मानव जीवन असंभव है।
केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि संस्था द्वारा कुरुक्षेत्र के तीर्थों को हरा-भरा करने के लिए सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। केडीबी की तरफ से संस्था को पूरा सहयोग दिया जाएगा और तीर्थों पर विकास कार्यों के साथ-साथ पौधारोपण कर तीर्थों के वातावरण को भी शुद्घ बनाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेड़ ना केवल हमें शुद्ध हवा प्रदान करते हैं बल्कि पर्यावरण को भी सुंदर बनाते है। तपती धूप में यह मनुष्य व जीव जंतुओं को छाया प्रदान कर उसे गर्मियों से बचाने में मदद करते है।
पेड़ों के ना होने से मनुष्य का जीवन संकट में आ जाएगा। निरंतर पेड़ों को काटे जाने से पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं और मनुष्य को कई प्रकार के प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है, पहाड़ों का बर्फ लगातार पिघल रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा बना रहता है। वृक्षारोपण न केवल हमारा कर्तव्य है बल्कि प्रत्येक नागरिक का यह भी कर्तव्य है कि वृक्षों को ना काटे और काटने से भी रोके। अधिकाधिक वृक्षारोपण करें, ताकि वनों से हमें पर्यटन की सुविधा, पशु पक्षी का दर्शन, प्राकृतिक संतुलन, वनस्पति आदि का लाभ मिलते रहे।
मदर नेचर अनलिमिटेड (यूके) संस्था के प्रतिनिधि सुशील चौहान ने कहा कि संस्था द्वारा कुरुक्षेत्र के 48 कोस के तीर्थों पर करीब 100 त्रिवेणी लगाई जाएंगी और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भी संस्था द्वारा 11 त्रिवेणी लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा की यूके की संस्था मदर नेचर अनलिमिटेड भारत के लिए कुछ करना चाहती है। इसलिए कुरुक्षेत्र को धार्मिक, पर्यावरण व वैज्ञानिक दृष्टिï से बेहतर बनाने के लिए त्रिवेणी रोपण का अभियान शुरु किया गया है। इस अभियान के तहत कुरुक्षेत्र के तीर्थों पर त्रिवेणी लगाकर हरा-भरा और उनके वातावरण को शुद्घ करने का प्रयास किया जाएगा। संस्था द्वारा इन त्रिवेणी की दो साल तक देखभाल भी जाएगी।