चंडीगढ़। स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार कोविड-19 के मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए जंगी स्तर पर काम कर रही है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ऐसी सभी सेवाएं उन गंभीर मरीजों को भी दी जा रही हैं जो कोविड केयर अस्पतालों में बैड न मिलने कारण इलाज के लिए दिल्ली से पंजाब आ रहे हैं।
कोविड -19 मरीजों के लिए कुछ न करने संबंधी ‘आप’ पार्टी की तरफ से लगाए दोषों का जवाब देते हुये स. सिद्धू ने आम आदमी पार्टी को कहा कि पंजाब सरकार पर सवाल उठाने से पहले वह दिल्ली में कोविड -19 की गंभीर स्थिति पर नज़र डालें। उन्होंने कहा कि यह एक नाजुक और संवेदनशील समय है इस लिए ‘आप‘ पार्टी को अपनी तंग राजनैतिक चालों से हैल्थ केयर वर्करों और फ्रंट लाईन वर्करों के मनोबल को गिराने की बजाय अपनी पार्टी के कनवीनर अरविंद केजरीवाल को जरूर पूछना चाहिए कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति को काबू करने में असफल साबित हुए हैं जिससे कीमती मानवीय जानें गंभीर खतरे में हैं।
‘आप ’ का लोगों को जवाब देना बनता है कि बेकसूर मरीज अस्पतालों में बैडों और इलाज की कमी के कारण क्यों मर रहे हैं। स. सिद्धू ने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली ने दावा किया है कि जब उनके पास स्वास्थ्य सहूलतों के स्रोतों उपलब्ध होंगे तो इसको अन्यों के साथ सांझा किया जायेगा, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार पहले ही ऐसी सभी स्वास्थ्य सेवाएं दिल्ली निवासियों को बिना किसी पक्षपात के मुहैया करवा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा को पूछा कि अगर आप सच्चे पंजाबी हो और आपके दिल में कोविड -19 के मरीजों के लिए हमदर्दी है तो आपको संकुचित राजनीति करने की बजाय पंजाब के मेडिकल भाईचारे और अन्य सम्बन्धित विभागों को उनके बलिदानों और अथक कोशिशों के लिए उत्साहित करना चाहिए।
कोविड -19 स्थिति संबंधी मुख्य नुक्ते सांझे करते हुये स. सिद्धू ने कहा कि 20 अप्रैल, 2021 तक दिल्ली में 8,77,146 मामले सामने आए हैं जबकि पंजाब में 3,04,660 मामले सामने आए हैं जोकि दिल्ली में प्रति मिलियन आबादी के पीछे 43,857 केस और पंजाब में प्रति मिलियन आबादी के पीछे 10,158 मामले बनते हैं। इसी तरह पिछले दिनों में दिल्ली में कोरोना की 20-25 फीसदी,जबकि पंजाब में 10 फीसदी पाजिटिव दर दर्ज की गई है। दिल्ली में प्रति मिलियन आबादी के पीछे 618 और पंजाब में प्रति मिलियन आबादी के पीछे 266 मौतें दर्ज की गई हैं।