श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाना तभी सार्थक होगा जब गौ सेवा का प्रण लें – ब्रह्मचारी
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 10 अगस्त। जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने कहाकि गीता की जन्मस्थली एवं महाभारत की युद्धस्थली के रूप में कुरुक्षेत्र की पहचान भगवान श्री कृष्ण की वजह से ही है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र की भूमि पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व देश के सभी तीर्थों से अधिक है। इस धरती से भगवान श्री कृष्ण का अटूट संबंध है। इस बार कुरुक्षेत्र की धरती पर उस उत्साह से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन सम्भव नहीं है जिस प्रकार हर वर्ष होता है। ब्रह्मचारी ने सभी देशवासियों एवं प्रदेशवासियों को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव की शुभकामनायें दी है और कहा है कि इस बार सरकार के निर्देशों की पालना करते हुए ही श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव को मनाएं। उन्होंने कहाकि सभी श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण से प्रार्थना करें कि धरती को कोरोना वायरस से मुक्त करवाएं। ब्रह्मचारी ने कहाकि श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाना तभी सार्थक हो सकता है जब उनकी प्रिय गौ माता को भी संरक्षण मिले। उन्होंने दुःख व्यक्त किया कि आज गौ माता को संरक्षण एवं पोषण नहीं मिल रहा है। गौ माता सड़कों और गलियों में भटक रही है। उन्होंने कहाकि श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाना तभी सार्थक होगा जब गौ सेवा का प्रण लें।