न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्य सचिव विजय वर्धन ने जिला उपायुक्तों को निर्देश दिये हैं कि वे आरटी पीसीआर टेस्टिंग रिपोर्ट समय पर उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही, जिलों के सरकारी व गैर-सरकारी अस्पतालों में आईसीयू एवं आक्सीजन बैडस की उपलब्धता पर भी निगरानी रखें ताकि मरीजों की सही देखभाल हो सके।
मुख्य सचिव आज राज्य स्तरीय क्राईसिस कार्डिनेशन कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी कोरोना की इस संकट की घड़ी में पूर्ण तालमेल रखते हुए कार्य करें और जिस क्षेत्र में अधिक कोरोना पाजिटिव केस पाये जाते हैं उन क्षेत्रों को तुरंत प्रभाव से कंटेनमेंट जोन बनाएं।
इन क्षेत्रों पर इंसिडेंट कमांडरों की नियुक्त करें और होम आईसोलेट में रह रहे मरीजों की मेडिकल सुविधायें बढायें। उन्होंने सुझाव दिया की सांसद, विधायकों , चेयरमैन व मार्किट कमेटी के सदस्यों के साथ मिल कर कंटेनमेंट जोन बनाने व इन क्षेत्रों में कोविड एहतियात के अन्य जरूरी कदम उठाने बारे निर्णय लें।
उन्होंने निर्देश दिये कि कोरोना को फैलने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाये जायें। प्रत्येक जिले को आवंटित की गई आक्सीजन का सही वितरण करने के लिए जिला स्तर पर उच्च अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाये। यह कमेटी जिले के सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में आवश्यकता अनुसार आक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करे। उन्होंने स्पष्ट किया की सरकार द्वारा आवंटित आक्सीजन सप्लाई का समय पर पूरा उठान किया जाये। सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों की निगरानी के लिए एक – एक अधिकारी की तैनाती की जाये।
उन्होंने कहा कि रेमिडेसिवर टीके की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए भी प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी नियमित रूप से मानिटरिंग करें व इसकी खपत व उपलब्धता की प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकारी व प्राईवेट लैब की आरटी पीसीआर टेस्टिंग रिपोर्ट समय पर उपलब्ध होना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि सरकार द्वारा जारी कोविड-19 की हिदायतों का पालन सख्ती से करवाया जाये। किसी भी खुले में धार्मिक,सामाजिक एवं पारिवारिक कार्यक्रमों में लोगों की संख्या 50 से अधिक तथा सभागार में 30 व दाह संस्कार में 20 से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, सभी जिला उपायुक्त आवश्यकतानुसार धारा 144 लगाने, जिलों में सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या तय करने, भीड़ एकत्र नहीं होने देने सहित अन्य निर्णय स्वयं लें।
उन्होंने कहा कि जिन कार्यालयों में घर से काम चल सकता है वहां अधिकतम कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम को अपनाएं । इसके साथ ही उन्होंने गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत जैसे जिलों में कोरोना के बढते मामलों को देखते हुए निजी कार्यालयों में अधिकतम कर्मचारियों को घर से काम करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्तों को समय-समय पर अस्पतालों, कंटेनमेंट जोन व लैब आदि का दौरा करने के साथ-साथ लोगों की समस्याओं के निवारण हेतु हर समय उपलब्ध रहने का सुझाव दिया जिससे लोगों को यह एहसास हो कि सरकार व जिला प्रशासन उनकी सेवा के लिए हर समय तैयार है।
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम ने बताया कि जल्द ही राज्य के विभिन्न अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में बढ़ोतरी की जा रही है। इसके तहत पीजीआई रोहतक में 1000 ऑक्सीजन बैडस तथा अन्य मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ऑक्सीजन युक्त 1250 बिस्तरों को बढ़ाने,अटल बिहारी अस्पताल,फरीदाबाद में 200 बिस्तरों की व्यवस्था पर कार्य किया जा रहा हैं ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न आये।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि प्रदेश में लगभग 46000 व्यक्ति होम आईसोलेशन में हैं जिनकी नियमित निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में बैडस की उपलब्धता के लिए कोरोना हरियाणा जीएमडीए पोर्टल को अपडेट रखा जाये ताकि आमजन को इस बारे पूरी जानकारी उपलब्ध होती रहे। उन्होंने कहा कि सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में डिस्चार्ज पोलिसी के नियमों का पालन किया जाये ताकि एक्टिव केसों को समय पर सुविधा प्राप्त हो सके।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव आपदा प्रबन्धन संजीव कौशल, अस्पताल निगरानी राज्य नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के दास, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, एचएमएससीएल के प्रबन्धन निदेशक डॉ. साकेत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।