न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद मारकंडा 11 अगस्त। हरियाणा शुगर फैडरेशन के चेयरमैन हरपाल सिंह चीका ने कहा कि केद्र सरकार द्वारा 3 अध्यादेश लागू करना किसानों और व्यापारियों के हित में लागू करना बहुत बड़ी उपलब्धि है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं तथा 15 अगस्त को काले झंडे लहराने की बात कह रहे हैं वह ऐसा करके किसानों व व्यापारियों को बहकाने का कार्य कर रहे हैं।
चेयरमैन हरपाल सिंह चीका मंगलवार को शाहाबाद मारकंडा के लोकनिर्माण विश्रामगृह में प्रैस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने किसानों सहित हर वर्ग के लिए जनहित योजनाएं चलाई हैं। सरकार का प्रयास है कि किसानों की आमदन को दुगुना किया जाए। उन्होंने कहा कि किसान के पास चाहे जितनी भी अपनी जमीन है वह अपने आप में अपनी जमीन का राजा है। पहले किसान अपने आप को बंधक महसूस करता था। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं से किसान की प्रगति में नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि अध्यादेश लागू करना देश के हित में है। जो लोगों को भडक़ा कर इसका विरोध कर रहे हैं वह बहुत गलत है।
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त हमारा राष्ट्रीय पर्व है क्योंकि इस दिन हमारे देश को आजादी मिली थी। इसी दिन हम सबको खुशी मनानी चाहिए न कि जनहित के कार्य में बाधा उत्पन्न कर के काले झंडे दिखाने चाहिएं।
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने किसानों के हित में भावांतर भरपाई योजना तथा फसल बीमा योजना जैसी अनेकों योजनाएं चलाई हैं जिनका किसानों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा किसानों को फसल खराबे के नाम पर 200 से 500 रुपए तक के चैक देकर उनके साथ भद्दा मजाक किया जाता था। हरियाणा सरकार ने फसल खराबे पर 12 हजार प्रति एकड़ मुआवजा तय किया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कोई फसल नहीं खरीद सकेगा। किसानों की सूरजमुखी का एक एक दाना खरीदा गया।
इसी प्रकार से आने वाली धान की फसल भी सरकारी तौर पर खरीदी जाएगी। किसानों को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसान कंपनियों के साथ अपनी फसल का अनुबंध कर सकेंगे। जिसमें किसान फसल की बिजाई से लेकर फसल पककर तैयार होने तक का रेट कंपनियों से पहले ही तय कर सकेंगे। इस अवसर पर किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता कर्णराज तूर, शाहाबाद मंडलाध्यक्ष मुलखराज गुंबर, अरूण कंसल, पार्षद बलदेव राज सेठी, तरलोचन सिंह हांडा तथा नरेंद्र सिंगला मौजूद थे।