न्यूज डेक्स पंजाब
चंडीगढ़। कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने एक और चुनावी वायदे को पूरा करते हुये पंजाब कैबिनेट ने आज आशीर्वाद योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता राशि प्रति लाभपात्री 21,000 रुपए से बढ़ा 51,000 रुपए करने को मंजूरी दे दी है और इस योजना के अधीन सभी बकाए निपटाने की हिदायत की है। कैबिनेट मीटिंग में बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत दिसंबर 2020 तक की अदायगी पहले ही कर दी गई है।
मंत्रीमंडल की वर्चुअल मीटिंग के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि योजना के अधीन यह ताजा विस्तार 1 जुलाई, 2021 से लागू होगा। मौजूदा सरकार द्वारा स्कीम की राशि में किया गया यह दूसरा विस्तार है, जिसने पहले 2017 में सत्ता संभालने से तुरंत बाद सहायता राशि 15,000 रुपए से बढ़ा कर 21,000 रुपए की थी और शगुन स्कीम का नाम बदल कर आशीर्वाद योजना रखा गया था। उस समय मंत्रीमंडल ने सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक विभाग द्वारा लागू की गई योजना के अंतर्गत आनलाइन बैंकिंग प्रबंधन प्रणाली के द्वारा सीधे लाभपात्रियों के बैंक खातों में अदायगी करने का फैसला भी किया था।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह योजना अनुसूचित जाति, ईसाई भाईचारे, पिछड़ी श्रेणियों/जातियों, आर्थिक पक्ष से कमजोर वर्ग के परिवारों और किसी भी जाति के साथ सम्बन्धित विधवा महिलाओं की बेटियों के साथ-साथ 18 साल या इससे अधिक आयु की मुसलमान लड़कियों पर भी लागू है। अनुसूचित जाति से सम्बन्धित विधवाएं/तलाकशुदा महिला भी दोबारा विवाह के समय इस योजना के अधीन लाभ लेने की हकदार हैं।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम लड़कियाँ 2006 में भी सूची में थी और विभाग को निर्देश दिए कि अगर अनजाने में उनका नाम शामिल करना रह गया हो तो उनको भी शामिल किया जाये। प्रवक्ता ने कहा कि इस राशि में ताजा वृद्धि से 60,000 लाभपात्रियों को फायदा होगा जिससे सरकारी खजाने पर 180 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। सामाजिक कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने मुख्यमंत्री को समाज के कमजोर वर्गों के सशक्तिकरन के लिए चुके विभिन्न कदमों के लिए बधाई दी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अधीन लाभ प्राप्त करने के लिए सभी स्रोतों से परिवार की सालाना आमदन 32790 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। लड़की के माता-पिता/देख-रेख करने वाले पंजाब के निवासी होने चाहिएं और इस योजना के अंतर्गत वित्तीय सहायता एक परिवार की सिर्फ दो लड़की तक सीमित है।
आवेदक को वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए विवाह की तारीख से पहले या लड़की के विवाह के 30 दिनों बाद निर्धारित प्रोफार्मे में आवेदन-पत्र जमा करवाना होगा।
भाषा विभाग के पुनर्गठन की मंजूरी-
भाषा विभाग के कामकाज में और ज्यादा कार्य कुशलता लाने के लिए, पंजाब मंत्रालय ने इसके पुनर्गठन की योजना को मंजूरी दे दी है जिसमें 61 गैर-जरूरी पदों की जगह 13 नयी पदों की सृजना करना शामिल है। इससे सरकारी खजाने पर बोझ घटेगा। मंत्रीमंडल ने सेवा नियमों में संशोधन सम्बन्धी नोटीफिकेशनों को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकारित किया है जो परसोनल विभाग और पंजाब लोक सेवा कमीशन के साथ सलाह मशवरे के जरिये तैयार किये जाएंगे।वित्त विभाग की हिदायतों के मुताबिक भाषा विभाग की तरफ से तैयार किये गए पुनर्गठन प्रस्ताव को मुख्य सचिव के नेतृत्व अधीन अधिकारियों की कमेटी की सिफारिशों अनुसार कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गई है।