Friday, November 22, 2024
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भारत के पहले ग्रेजुएट थे गोखले जी,जिन्हें महात्मा गांधी मानते थे अपना राजनीतिक गुरु,मुस्लिम गोखले बनना चाहते थे जिन्ना

by Newz Dex
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बनारस सम्मेलन में गोखले जी ने ओरंगजेब से की थी लार्ड कर्जन के शासनकाल की तुलना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के महापुरुष गोपाल कृष्ण गोखले जयंती पर दी श्रद्धांजली

ट्वीट में लिखा राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित उनका जीवन भारत वासियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा

न्यूज डेक्स इंडिया

दिल्ली। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले भारत के पहले स्नातक (ग्रेजुएट) थे,जिनसे प्रभावित मोहम्मद अली जिन्ना भी मुस्लिम गोखले बनना चाहते थे। भारत के इस आज गोखले जी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर श्रद्धांजली अर्पित की है। उन्होंने अपने ट्वीट में महान स्वतंत्रता सेनानी गोपाल कृष्ण गोखले के बारे में लिखा है कि राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित उनका जीवन भारत वासियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

गोखले जी का जन्म 9 मई 1966 में महाराष्ट्रीयन चितपावन ब्राह्मण परिवार में माता वालुबाई और पिता श्रीकृष्णराव पंत श्रीधर गोखले के घर हुआ था। उनके पिता पिता कोल्हापुर रियासत में इंस्पेक्टर के पद कार्य से पहले रत्नागिरी में अपनी पैतृक जमीन पर खेती करते थे,लेकिन मौसम और मृदा खराब होने के कारण श्रीकांतराव पंत को कोल्हापुर में जाकर नौकरी करने पड़ी,लेकिन उनकी मृत्यु जल्द ही हो गयी थी।

इसी वजह से गोपाल कृष्ण गोखले जी के बड़े भाई गोविंदराव को काम करना पड़ा और उन्हें शिक्षा कोलहापुर के राजाराम हाई स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के लिय भेजा गया था। 1884 तक वो बॉम्बे चले गए जहां उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की। गोखले जी को पहला भारतीय स्नातक भी माना जाता है,जिन्होंने 1884 में बॉम्बे के एल्फिनस्टोन कॉलेज से स्नातक(बीए) डिग्री हासिल की थी। इसके उपरांत उन्होंने पूना के फर्ग्युसन कॉलेज में हिस्ट्री और पोलिटिकल इकॉनमी पढ़ाना शुरू कर दिया, 1902 में वो वहां के प्रिंसीपल बने।

महान स्वतंभता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक श्रीगोपाल कृष्ण गोखले जी 20 वर्ष की उम्र में बंबई विधान परिषद का सदस्य बने थे। इसी के साथ उनका पदार्पण राजनैतिक जीवन में हुआ था। गोखले ने सर्वेट्स आफ इंडियन सोसाइटी नामक संगठन की स्थापना की थी। भारत की इस विभूति के कारण अंग्रेजों को भी शिक्षित भारतीयों का लोहा मानना पड़ा। गुलाम भारत में गोखले महान सुधारक के रुप में उभर कर सामने आए थे और उन्होंने छुआछात के खिलाफ भी आंदोलन चलाया था। उनके मुखर व्यक्तितत्व का एक बड़ा उदाहरण यह भी मिलता है कि उन्होंने ब्रिटिशकाल के वायसराए लार्ड कर्जन की शासनकाल की तुलना औरंगजेब से की थी।

1905 में कांग्रेस के बनारस सम्मेलन में अध्यक्षीय भाषण देते हुए गोखले ने कहा था कि मैं लार्ड कर्जन इसकी तुलना भारत के इतिहास में औरंगजेब के शासन से करता हूं,क्योंकि इन दोनों शासनकाल में अनेक समानताएं हैं।अपने जीवन में अनेक उपलब्धियों और संघर्षों की मिसाल बने गोखले जी का निधन 1915 की 19 फरवरी को हुआ,जब पराधीन भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के सपने का बीजारोपण कर परलोक चले गए। भारत के महापुरुष गोखले जी की जयंती पर न्यूज डेक्स टीम की श्रद्धांजली।

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1 comment

Puneet May 10, 2021 - 12:15 am

In my view, he was better & mature person than Gandhi- a forced nation father.

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