– छात्रहितों में एनएसयूआई ने फिर दिया धरना
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,१३ अगस्त। श्री कृष्णा विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र द्वारा १७ अगस्त से छात्रों की परीक्षाए निर्धारित की गई है जिसके विरोध में एनएसयूआई हरियाणा के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा के नेतृत्व में छात्रों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क पहनकर धरना प्रदर्शन किया। इसके साथ ही छात्रों को कोविड के चलते प्रमोट करने की मांग की गई है। धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष ईशान शर्मा, जिला उप अध्यक्ष अमन चौधरी, कुवि अध्यक्ष रोकी राणा, चेयरमैन शुभम ऐबला, कैम्पस अध्यक्ष विशाल भारद्वाज, पार्टी इंचार्ज यशदीप सैनी, साहिल बेनीवाल, अमन पान्नू, अमन जोशी व टीम साहस के साथी जय पराशर, अनुभव जिंदल, संदीप मूंड, रोहित शर्मा, पंकजराठी, अजय मैहला मौजूद रहे।
प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा का कहना है कि आयुष विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षाए करवाए जाना गृहमंत्रालय व केंद्रीय सरकार की गाइडलाइंस का उल्लंघन है क्योंकि अभी ३१ अगस्त तक सभी कालेज,स्कूल व शिक्षण संस्थान बन्द हैऐसे में परीक्षाए आयोजित किया जाना न केवल छात्रों की जिंदगी से खिलवाड़ है, बल्कि संक्रमण के फैलने का भी खतरा हैइसके साथही हाईकोर्ट के आदेशों के उपरांत हरियाणा उच्च शिक्षा विभाग ने भी शपथ पत्र देकर सभी छात्रों को बिना परीक्षाओ के प्रोमोट करने कीबात कही है।
सीसीआईएम की गाइडलाइंस की २० जुलाई २०२० की गाइडलाइंस के अनुसार जीएस आयुर्वेदा मेडिकल कालेज व अस्पताल हापुड़ यूपी,वैद्य यज्ञ दत्त आयुर्वेद महाविद्यालय खुजरा बुलन्दपुर,एम्स पटना,महावीर आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज व अस्पताल,मेरठ आदि केछात्रों को भी अस्थाई तौर पर प्रोमोट किया गया हैसाथ ही इन जगहों पर ऑनलाइन कक्षाएं भी शुरू हो गई हदिव्यांशु ने अनुसार कोरोना महामारी के चलते संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश को गृह मंत्रालय के आदेशानुसार लाकडाउन में रखा गया था।
इसी के चलते सबसे ज्यादा नुकसान देश के भविष्य कहे जाने वाले छात्रों को हुआ है और इनमें भी मेडिकल स्ट्रीम के छात्रों केसाथ सरकार भेदभावपूर्ण कर रही है। एक तरफ तो जहां प्रदेश में सत्तासीन विधायक सांसद सुरक्षित नही है,संक्रमण का शिकार हैतो वही मेडिकल स्ट्रीम के छात्रों को परीक्षाओ में भेजकर मौत के कुए में डालने का काम सरकार कर रही हैइन परीक्षाओ को एनएसयूआई ने गैर कानूनी,अनुचित व अनैतिक बताते हुए कहा है कि यह छात्र विरोधी फैसला न केवल गृह मंत्रालय केआदेशों की अवमानना है, बल्कि यह राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस को भी दरकिनार करता है।
कर्नाटक में भी एस. एस. एल. सी. परीक्षाओं के दौरान कोविड के मामले सामने आए जोकि ऐसी परिस्थितियों में परीक्षाए करवाने का गलत नतीजा दिखाने का जीताजागता उदाहरण है। दिव्यांशु के अनुसार इस महामारी के कठिन समय मे जो मेडिकल स्ट्रीम के छात्र जान हथेली पर रखकर विभिन्न जगह कोविड सेवाएं दे रहे है। उन्हें उनके कार्य के आधार पर प्रेक्टिकल नम्बर दिए जाने चाहिए ऐसे हालातो में जब प्रदेश के तमाम विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के छात्रों को बिना परीक्षाओं के प्रोमोट करने के आदेश जारी किए गए हैं तो मेडिकल स्ट्रीम के छात्रों की परीक्षाओ को ऐसे समय में लेने का क्या औचित्य है।
गौरतलब है कि ३० जून को दिव्यांशु बुद्धिराजा ने हजारो मेडिकल छात्रों के सुझावों के साथ राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात कर मेडिकल छात्रों के परीक्षाओ को टालने की मांग की थी,दिव्यांशु के अनुसार यदि परीक्षा में एक भी बच्चा संक्रमित निकला तो उसका नतीजा बेहद भयावह होगा। इस मौके पर पूर्व स्पीकर हरमोहिंदर चट्ठा,पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, विधायक मेवा सिंह व पूर्व चेयरमैन जलेश शर्मा समेत कांग्रेसजन ने समर्थन दिया।