रेलवे रोड स्थित भगवान परशुराम चौंक को सजाया गया भव्य रूप से
शस्त्र और शास्त्र दोनो विधाओं में पारंगत होना जरूरी : जयनारायण शर्मा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर इस बार श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा द्वारा कोरोना महामारी के चलते कोई सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नही किया गया। प्रतीकात्मक रूप से रेलवे रोड स्थित भगवान परशुराम चौंक पर सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा और प्रधान प. पवन शास्त्री ने पुष्पांजलि अर्पित की। सभा द्वारा संचालित कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक ने वेद मंत्रोच्चरण के साथ पूजन किया। सभा की ओर से भगवान परशुराम चौंक को भव्य रूप से सजाया गया था।
सभा के मुख्य सलाहकार जयनारायण शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते इस बार सभा ने सभी सदस्यों से अपने-अपने घर रहकर ही भगवान परशुराम को नमन करने की अपील की थी। उन्होने कहा कि भगवान परशुराम शस्त्र और शास्त्र दोनो विधाओं में पारंगत थे। आज ब्राह्मण समाज को भी उनके पद चिन्हों पर चलते हुए शस्त्र और शास्त्र दोंनों में पारंगत होने की जरूरत है। उन्होने बताया कि धर्म ग्रथों के अनुसार भगवान विष्णु के 24 अवतार हुए हैं। भगवान विष्णु के इन 24 अवतारों में छठा अवतार भगवान परशुराम को माना जाता है।
भगवान परशुराम दुराचार और अत्याचार के घोर विरोधी थे। उन्होने अपने जीवन में न्याय को प्राथमिकता दी। भगवान परशुराम ने संदेश दिया कि अन्याय और अधर्म को समाप्त करने के लिए भगवान धरती पर अवतार लेते हैं। अक्षया तृतीया तिथि में व्यक्ति जो भी कम्र करता है वह कर्म यथावत बना रहता है। उन्होने कहा कि भगवान परशुराम किसी जाति विशेष के विरूध नही थे। भगवान परशुराम ने अत्याचारियों से इस धरती को मुक्त करवाया।