न्यूज डेक्स संवाददाता
सिरसा। वैश्विक महामारी कोरोना की भयंकर चपेट में आए हरियाणा प्रांत में जिस प्रकार से हर रोज समस्याएं बढ़ रही हैं व सरकार भी उनसे जूझने में दिन रात एक किए हुए है , वही दूसरी ओर प्रदेश में कार्यरत पत्रकार भी अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना फ्रंट वारियर के रूप में अपने दायित्व को निभा रहे हैं। इन परिस्थितियों में प्रदेश में करनाल , पानीपत ,हिसार ,समालखा व अन्य आसपास के क्षेत्र से लगभग आधा दर्जन पत्रकार अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं।
यह जानकारी देते हुए हरियाणा गवर्नमेंट पेंशन पत्रकार संघ के संयोजक बी के दिवाकर ने बताया कि हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज द्वारा लगभग एक पखवाड़े पूर्व जहां प्रदेश के पत्रकारों को कोरोना वारियर तसव्वर किया जा चुका है ,वही हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा पत्रकारों को सामूहिक तौर पर वैक्सीनेशन की निशुल्क सुविधा उपलब्ध करवाने की घोषणा की जा चुकी है।
आज जारी एक विज्ञप्ति में संघ के संयोजक बी के दिवाकर एवं वरिष्ठ सदस्य तथा नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नवीन मल्होत्रा तथा संघ के वरिष्ठ सदस्य आरआर शैली ने मुख्यमंत्री से संयुक्त रूप से मांग की है कि जिस प्रकार से मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में कार्यरत पत्रकारों व उनके परिवारों को कोरोना वायरस के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी चाहे वह पत्रकार एक्रीडिटिंग है या नहीं है, इन पत्रकारों के परिवार के किसी भी सदस्य के अतिरिक्त प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल मीडिया में कार्यरत लोगों के अतिरिक्त संपादकीय विभाग में कार्यरत तथा डेस्क पर पदस्थ पत्रकार कैमरामैन फोटोग्राफर भी यदि कोरोना की चपेट में आ जाते हैं तो उनका सारा इलाज सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में पत्रकार बीमा योजना के अंतर्गत व पत्रकार कल्याण योजना के अंतर्गत सहायता देकर करवाया जाएगा , उसी तरह से हरियाणा सरकार भी यह घोषणा करें।
बी के दिवाकर के साथ मल्होत्रा व शैली ने मुख्यमंत्री मांग की है कि हरियाणा में इसी प्रकार से नीति को तुरंत प्रभाव से लागू करने की घोषणा करें, ताकि जनजागृति धर्म निभा रहे कलम के सिपाही अग्रणी होकर जन जागरण के काम में सक्रिय रहे।संयुक्त वक्तव्य में दिवाकर मल्होत्रा व आर आर शैली ने उम्मीद जताई है कि हमारी इस मांग पर तुरंत प्रभाव से संजीदगी से विचार करते हुए हरियाणा सरकार इसे लागू करने की घोषणा करेगी उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में उड़ीसा, राजस्थान, बिहार व पंजाब की सरकारों ने भी पत्रकारों को फ्रंट कोविड-19 वारियर्स का दर्जा दिया है।