आजादी के दिन काले झंडे फहराना शहीदों का अपमान-अत्रे
-न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़,13 अगस्त। आजादी के लिए देश के लाखों शूरवीरों ने अपना बलिदान दिया है और देश का किसान तो जब भी जरुरत पड़ी है देश के लिए सबसे आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभाता है l देश के अन्नदाता ने अपनी दरातियाँ पिघलाकर तलवारें बनाई और देश के दुश्मनों के सामने सीना तान के खड़े हो गए l ये कहना है भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश पेंलिस्ट प्रवीण अत्रे का l वीरवार को भाजपा प्रदेश पेंलिस्ट प्रवीण अत्रे पंचकूला में स्थित भाजपा कार्यालय में एक प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे उनके साथ भाजपा के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, भाजपा के प्रदेश पेंस्लिस्ट रमणीक सिंह मान मौजूद थे l
अत्रे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब से मोदी सरकार ने किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए नए अध्यादेश लेकर आई है तब से विपक्ष को एक और काम मिल गया है, विपक्ष अपने राजनीतिक मौहरों का इस्तेमाल करके जनता में इन नए अध्यादेशों के खिलाफ भ्रम फैला रहा है l उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जो नए आध्यादेश लेकर आई है उससे किसानों के लिए कृषि घाटे का सौदा नहीं रहेगा l किसान डायरेक्ट मार्केटिंग करने और अपने उत्पाद को मंडी के अतिरिक्त कही भी बेचने को स्वतंत्र होगा l उन्होंने कहा कि क्या कोई भी देशभक्त नागरिक 15 अगस्त जो कि आजादी के पर्व का दिन होता है ऐसे पवित्र दिन को काला झंडा फहराने की सोच सकता है ? लाखो शहीदों ने आजादी के लिए अपना सर्वोच्य बलिदान दिया l देश का जवान इस तिरंगे के सम्मान के लिए सरहद पर अपनी जान दाव पर लगाता है l क्या काला झंडा फहराना उन शहीदों का देश के जवानों का अपमान नहीं है ? देश का जवान किसान का ही भाई, बेटा होता है, कोई किसान ऐसा कोई काम नहीं कर सकता जिससे देश के जवानों का अपमान हो l प्रदर्शन करने के लिए वर्ष के 363 दिन आप स्वतंत्र है, परन्तु दो दिन देश के लिए जो बहुत ही पवित्र है 26 जनवरी और 15 अगस्त l यदि कोई व्यक्ति इन दो दिनों में काला झंडा फहराने की बात करता है तो ये देश और देश पर शहीद हुए शहीदों की शहादत का अपमान होगा l
अत्रे ने बताया कि किसान को अन्नदाता लगातार कहा जाता रहा लेकिन उसकी समस्याओं का समाधान सही मायने में मोदी सरकार ने किया है l जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में कार्यभार सम्भाला तब से राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर पर सरकारी योजनाओं के केंद्र में गाँव गरीब और किसान रहा है l भारतीय जनता पार्टी सरकार का संकल्प है कि 2022 तक किसान की आय को दोगुना करते हुए अपने अन्तोदय के सपने को साकार किया जाए l मोदी सरकार ने देश के किसान को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत की और देश के कुल 8.5 करोड़ किसानों का 17,000 करोड़ रुपये की राशि से सहयोग करके सम्मान दिया l उन्होंने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक बाज़ार’ के तहत सरकार ने किसानों को देश के किसी भी हिस्से में अपनी उपज बेचने की छूट दी है l इसमें किसान और व्यापारी को उपज की ख़रीद-बिक्री के लिए राज्य की मंडी के बाहर टैक्स नहीं देना होगा l अध्यादेशों के अनुसार किसान की फसल कटाई के बाद किसान का जोखिम होने की संभावनाएं 30 प्रतिशत तक कम हो जाएगी l
उन्होंने कहा कि कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश 2020 से किसानों को डायरेक्ट मार्केटिंग से बहुत फायदा पहुंचने वाला है l किसान अपनी फसल का दाम खुद तय कर सकेंगे। डायरेक्ट मार्केटिंग किसानों की सुविधा के लिए है। इससे परंपरागत सिस्टम पर कोई असर नहीं होगा। इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों के हित सुरक्षित रहें । निजी कंपनी वाले अगर किसान से उसके उत्पाद का सौदा करना चाहता है तो कर सकते हैं। इन अध्यादेशों में किसान के हित का पूरा ख्याल रखा गया है । इतना ही नहीं मोदी सरकार किसान और कृषि से जुड़े ढांचागत विकास के लिए एक लाख करोड़ के बजट का प्रावधान करने जा रही है l उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर किसानों को इन अध्यादेश के लिए जागरूक करेंगें ओर इससे किसानों को होने वाले फायदों से अवगत कराएंगे । देश का किसान बहुत जागरूक है वह भली प्रकार से विपक्ष के इन झूठे एजेंडों को समझता है l