न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। राष्ट्रीय सेवा योजना यूटीडी कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवकों के लिए कूड़े प्रबंधन पर ट्रेनिंग कम लेक्चर का आयोजन किया गया। डॉ. नरेश भारद्वाज प्रोग्राम के मुख्य वक्ता रहे। वह ग्रीन अर्थ एनजीओ के फाउंडिंग मेंबर हैं और पिछले 18 वर्षों से इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। कूड़े प्रबंधन के विषय पर स्वयंसेवकों को जागरूक करते हुए डॉ नरेश भारद्वाज ने सोर्स सैग्रीगेशन को बहुत महत्वपूर्ण बताया।
स्वयंसेवकों से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि कैसे हम अपने घरों में गीले व सूखे कचरे को अलग अलग रखकर कूड़े प्रबंधन से जुड़ी आधी से ज्यादा समस्या का हल कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों को प्लास्टिक के कैरी बैग का इस्तेमाल ना करने की सलाह देते हुए कपड़े से बने थैले का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की कि सामूहिक कार्यक्रमों के दौरान थर्माकोल या प्लास्टिक की बजाए स्टील के बर्तनों का प्रयोग करना ज्यादा उचित है।
कार्यक्रम के अंत में डॉ नरेश भारद्वाज ने छात्र छात्राओं को ग्रीन अर्थ एनजीओ के साथ मिलकर काम करने का निमंत्रण देते हुए 30 दिन के लिए अपने घर पर वेस्ट सैग्रीगेशन अर्थात गीले व सूखे कूड़े को अलग-अलग करने तथा कंपोस्ट बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर अनिल वशिष्ठ ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वह इस गतिविधि में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले। स्वयंसेवकों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक पहल के साथ पर्यावरण संरक्षण हेतु हम सभी का कर्तव्य भी है।
राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े प्रोग्राम ऑफिसर डॉक्टर संगीता सैनी ने कूड़ा प्रबंधन गतिविधि को इस सत्र में भी एनएसएस यूटीडी की प्रमुख गतिविधियों में स्थान देने की बात कही। इस कार्यक्रम में प्रोग्राम ऑफिसर डॉक्टर सुरजीत कुमार व डॉक्टर मनीषा संधू भी उपस्थित रहे। प्रोग्राम का समापन करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े स्वयंसेवकों ने पर्यावरण संरक्षण हेतु अपना सहयोग देने का प्रण लिया।