न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय,कुरुक्षेत्र और टेरी संस्थान, कुरुक्षेत्र द्वारा संयुक्त रूप से “कोविड के मद्देनज़र उच्च शिक्षा के हितधारकों की भूमिका एवं जिम्मेवारियां” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत टेरी संस्थान, कुरुक्षेत्र की छात्रा साक्षी अबरोल द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुई। इस अवसर पर प्रमुख वक्ताओं में डा. एस.एन.सचदेवा, कुलपति, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, डा. संजीव शर्मा, रजिस्ट्रार, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, डा. सुजय नायर अध्यक्ष आई.नर्चर एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड बंगलूरु,कुवि प्रोफेसर डा. नीरा वर्मा, इंजी. आदित्य गुप्ता सचिव टेरी कुरुक्षेत्र एवं प्रो. सागर गुलाटी, निदेशक टेरी, कुरुक्षेत्र रहे।
सभी उपस्थित वक्ताओं ने एक स्वर में इस महामारी से निपटने और उससे जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा की। उच्च शिक्षा से जुड़े लोगों कि वर्तमान में क्या भूमिका है और भविष्य में उनकी अहम भूमिकाओं पर जोर दिया। इस अवसर पर डा. एस.एन.सचदेवा ने कहा कि सभी उच्चत्तर शैक्षणिक संस्थानों को आगे आकर स्थानीय प्रशासन को सहयोग करना चाहिए। कक्षाओं और अन्य संसाधनों को कोविड केंद्र में बदलने होंगे और ऐसा हो भी रहा है। हमें कोरोना को हर हाल में हराना है इसके लिए हमें उसके साथ जीना सीखना होगा, हमारे एन.सी.सी. तथा एन.एस.एस. वालंटियर और प्राध्यापक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
कार्यक्रम समन्वयक, विभागाध्यक्ष, मैकेनिकल विभाग प्रो. पी.सी.तिवारी, एन.आई.टी. कुरुक्षेत्र ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इसमें युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए विभिन्न क्षेत्रों से कला, विज्ञान अर्थशास्त्र, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक तथा आई.टी.आई. सहित के छात्र-छात्राओं को भी विशेषज्ञों का व्याख्यान सुनने हेतु आमन्त्रित किया गया। उन्होंने कहा कि नवाचार व अनुसंधान के क्षेत्र में हम अन्य संस्थानों को भी सहयोग करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आयोजनकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार और विभिन्न संस्थानों के संयुक्त प्रयास से कोविड के विरुद्ध इस जंग में जीत होगी, साथ हीं आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्किलडेवलपमेंट प्रोग्राम से गुणवता के साथ साथ सकल घरेलु उत्पाद में सुधार होगा।
डा. सुजय नायर अध्यक्ष आई.नर्चर एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड बंगलूरु, ने महामारी के बाद दुनिया के बदलते स्वरुप पर कहा कि फिजिकल वर्ल्ड और डिजिटल वर्ल्ड दोनों को सम्मिलित कर ‘फिजिटल’ बन गया और यही भविष्य में कामयाबी का मूल मंत्र होगा। डा. मीरा वर्मा ने कहा कि शिक्षा दुनिया का सबसे शक्तिशाली माध्यम है और हमारे शिक्षक और विद्यार्थी दोनों मिलकर समाज को इस महामारी से निपटने में सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं। मनोविज्ञान विभाग कोविड के पश्चात् लोगों को काउन्सलिंग करने में अपनी महत्वपूर्ण सहयोग कर सकेगा। डा. सागर गुलाटी ने कहा शिक्षा के वैश्विक प्रभाव पर अपनी बात रखी, साथ ही समय के साथ छात्रों के मूल्यांकन एवं परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकताओं पर भी जोर दिया।
वेबिनार में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में शिक्षा की उपयोगिता सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई जिसका मानवीय जीवन पर सीधा अथवा परोक्ष रूप से प्रभाव है।इंजी. आदित्य गुप्ता सचिव टेरी कुरुक्षेत्र, ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि टेरी संस्थान इस महामारी में अपने सामाजिक दायित्वों को निभाने हेतु हर संभव प्रयत्नशील है और हर मोर्चे पर समाज के जरूरतमंदों के साथ खड़ा है।प्रो. सुधीर कुमार, प्राचार्य पॉलिटेक्निक, टेरी कुरुक्षेत्र ने संयोजक के रूप में वेबिनार के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया । मंच का कुशल संचालन टेरी संस्थान से प्रो. पारुल चुटानी ने किया। इस अवसर पर डा. पवन कुमार शर्मा, प्रोफ़ेसर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, डा. हितेंद्र त्यागी समेत सैकड़ों छात्र-छात्राएं भी इस वेबिनार में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम् से किया गया।