न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने राज्य के सार्वजनिक एवं निजी अस्पतालों में दाखिल मरीजों को राज्य में उपलब्ध इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी के वितरण पर निर्णय लेने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस विशेषज्ञ समिति में पीजीआईएमएस, रोहतक के नेत्र विज्ञान प्रोफेसर डॉ. आर.एस. चौहान, सिविल अस्पताल पंचकूला की ईएनटी सर्जन डॉ सुखदीप कौर, हरियाणा नेत्र रोग सोसायटी के नेत्र रोग विशेषज्ञ महा सचिव डॉ इंदरमोहन रुस्तगी और महा निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं कार्यालय के डीडी (ब्लाइंडन्स)डॉ. जगदीप सिंह बसुर शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि यह समिति आवश्यकता होने पर मामला-दर-मामला आधार पर पीजीआईएमएस, रोहतक के सहायक प्रोफेसर न्यूरोसर्जरी डॉ अमरनाथ, सिविल अस्पताल, पंचकूला की सीनियर डेंटल सर्जन डॉ शिवानी हुड्डा तथा अलकेमिस्ट अस्पताल, पंचकूला की ईएनटी सर्जन डॉ प्राची जैन से परामर्श भी लेगी।
उन्होंने बताया कि समिति मामलों पर निर्णय करने के लिए एक वस्तुनिष्ठ मानदंड तैयार करना सुनिश्चित करेगी, पहले-आओ-पहले-पाओ के आधार पर अनुरोधों का फैसला करेगी और ई-मेल amphobharyana@gmail.com के माध्यम से अनुरोधों को स्वीकार करने के लिए एक त्वरित तंत्र तैयार करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि मामलों पर तत्काल आधार पर निर्णय हो। महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं कार्यालय के डीडी (ब्लाइंडन्स)डॉ. जगदीप सिंह बसुर भी समिति के साथ समन्वय करेंगे।
उन्होंने बताया कि संबंधित स्वास्थ्य सुविधा के आईसीयू के निदेशक/एमएस/प्रमुख के माध्यम से स्वास्थ्य संस्थानों से दवा आवंटित करने का अनुरोध समिति द्वारा अपेक्षित विवरण के साथ ई-मेल amphobharyana@gmail.com पर विशेषज्ञ समिति को प्रस्तुत किया जाएगा। सरकारी मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इंजेक्शन नि:शुल्क दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों को पीजीआईएमएस, रोहतक से उक्त इंजेक्शन प्राप्त होगा और निजी मेडिकल कॉलेज इस इंजेक्शन की अपेक्षित राशि (इंजेक्शन की वास्तविक लागत) संबंधित जिले के सिविल सर्जन के एसकेएस खाते में जमा करेंगे।
इसी प्रकार, सरकारी एवं निजी अस्पताल संबंधित जिले के सिविल सर्जन से यह इंजेक्शन प्राप्त करेंगे और निजी अस्पताल जिले के संबंधित सिविल सर्जन के एसकेएस खाते में उक्त इंजेक्शन की अपेक्षित राशि (इंजेक्शन की वास्तविक लागत) जमा करेंगे।
उन्होंने बताया कि निजी संस्थानों को आपूर्ति वास्तविक लागत पर होगी, जैसा कि एचएमएससीएल द्वारा खरीदा और सूचित किया गया होगा। राशि की प्रतिपूर्ति की जाएगी और संबंधित सिविल सर्जन के एसकेएस खाते में जमा करायी जायेगी। दवा की मांग सिविल सर्जन द्वारा की जाएगी और समिति के अनुमोदन के बाद संबंधित स्वास्थ्य सुविधा को जारी की जाएगी।