बोले, कोरोना काल में वाहवाही का जरिया ढूंढ़ रहे मुख्यमंत्री
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा के पूर्व आईजी रणबीर सिंह शर्मा ने कहा है कि कोरोना का प्रकोप बढता जा रहा है लेकिन सरकार व्यवस्था बनाने में नाकाम साबित हुई है। सरकार के लोग अपनी वाहवाही करवाने में चक्कर में हैं। कोरोना शहर से गांव में भी घुसने लगा है लेकिन जिस सरकार का काम व्यवस्था बनाना व लोगों की जिंदगी बचाना था वे राजनीति कर रहे हैं। प्रदेश में लाकडाउन है, लेकिन मुख्यमंत्री व मंत्री इस संकट के समय में भी राजनीति कर रहे हैं। मुख्यमंत्री व मंंत्री अनाप-शनाप ब्यान बाजी कर भाईचारा खराब कर रहे हैं।
रणबीर शर्मा ने हिसार में किसानों पर किए गए लाठीचार्ज का विरोध करते हुए कहा कि निहत्थे शांतिपूर्वक विरोध कर रहे किसानों पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज किया गया, बुजुर्गों और महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया। ऐसे में लाठीचार्ज का आदेश देने वालों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हरियाणा में अस्पतालों में प्रर्याप्त सुविधा न होने के कारण कोरोना मरीज जान गंवा रहे हैं। जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी हो रही है, लेकिन शर्म की बात है कि प्रदेश के मुखिया अस्पतालों में सुविधा देने की जगह उद्घाटन करने में व्यस्त हैं।
मार्च 2020 में देश भर में लॉकडाउन लगाया गया, उस वक्त हरियाणा में भी कोरोना के मामले सामने आए व कोरोना से लोगों की मौत भी हुई लेकिन इसके बाद सरकार के लोग चुनाव में व्यस्त हो गए और जो व्यवस्थाएं अस्पतालों में करनी चाहिए थी उसे नही किया गया। इसी का नतीजा है कि आज प्रदेश के अस्पतालों में सुविधा के नाम पर कुछ नही है और सुविधा के अभाव में लोग मर रहे हैं।
रणबीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री व मंत्रियों द्वारा गांव में कोरोना बढने का दोष किसानों को देना सरकार का शर्मनाक कार्य है। जब पूरे देश की भाजपा पंश्चिम बंगाल में जाकर चुनाव प्रचार कर रही थी तब इन्हे कोरोना की गाईडलाईन याद नही आई। लेकिन किसान दिल्ली के बॉर्डर पर शांतिपूर्ण धरने दे रहे हैं अब कोरोना बढने का पूरा दोष किसानों को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले तो कोरोना फैलने के लिए सरकार ने तब्लीगी जमात व नांदेड़ गए सिख श्रद्धालुओं को दोषी ठहराया था और अब कोरोना महामारी फैलने का ठीकरा किसानों के सिर पर फोड़ा जा रहा है।
पूर्व आईजी ने कहा कि एक तरफ तो आम जनों के लिए कोरोना गाईडलाईन बनाई गई है। शादी व अंतिम संस्कार के लिए 11 लोगों की परमिशन दी गई है लेकिन स्वयं मुख्यमंत्री सैंकडों लोगों के साथ फिता काटने पहुंच रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को समझना चाहिए व कोरोना के संकट के समय लोगों को सुविधा देनी चाहिए।