न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद/नारनौंद। हिसार जिले में सीएम कार्यक्रम के दौरान कोरोना गाइडलाइन टूटने के बाद अब गांवों में लॉकडाउन का बहिष्कार किया जा रहा है। डाटा, मसूदपुर, महजत और उमरा गांवों के बाद अब गांव माजरा के ग्रामीण आज गांव माजरा में इकट्ठा हुए और इस दौरान उन्होंने पंचायत के माध्यम से कई फैसले लिए जिसमें ग्रामीणों ने असहयोग आंदोलन शुरू करने का फैसला किया।
ग्रामीणों ने एक तरह से लॉक डाउन का बहिष्कार कर दिया है एसडीम को ज्ञापन देकर चेताया गया है कि गांव में प्रशासन किसी प्रकार की दखलअंदाजी ना करें।पंचायत की अध्यक्षता राजेश कुमार ने की ग्रामीणों का कहना है कि जब प्रदेश का मुखिया मुख्यमंत्री मनोहर लाल ही कोरोना के नियमों का पालन नहीं करते तो प्रदेश की जनता पर क्यों थोपे जा रहे हैं। जब वह भीड़ इकट्ठी कर कार्यक्रम में पहुंच सकते हैं। तो हम भी अपने घरों में क्यों बैठे हैं। इस दौरान हिसार में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर एक निंदा प्रस्ताव भी पास किया गया। ग्रामीणों ने हिसार की घटना में पर भारी रोष था।
पंचायत में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए जिसमें लॉकडाउन का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया गया गांव का कोई भी व्यक्ति कोरोना सैंपलिंग व टीकाकरण नहीं करवाएगा। गांव की सभी दुकानें नियमित रूप से खुलेगी और पहले की तरह बिना रोक-टोक के विवाह शादी के कार्यक्रम किए जा सकेंगे।उधर, ग्रामीण राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल हिसार आए थे और किसानों पर लाठीचार्ज किया था उसे अगले ही दिन हमारा सारा गांव इकट्ठा हुआ था और किसानों पर जो लाठीचार्ज किया गया था उसकी एवज में कुछ निर्णय लिए गए,जिसमें कि हमने लॉकडाउन के नियमों को नहीं मानेंगे।
शादी समारोह में खुली छूट होगी कितने भी लोग आ जा सकेंगे गांव की दुकानें खुलेंगी और किसी की मृत्यु होती है तो उसके दाह संस्कार पर भी कितने ही आदमी जा सकेंगे। आज हमने प्रशासन अधिकारियों को इन्हीं से भी बातों से अवगत करवाते हुए एक ज्ञापन दिया है और कहा गया है कि हमारे गांव में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी यदि गांव में आएगा तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
ग्रामीण सुमित कुमार ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी गांव के अंदर जाते हैं तो यदि घर के अंदर कोई खड़ा है तो उसका भी चालान काट दिया जाता है। हम प्रशासनिक अधिकारियों से बहुत तंग है। सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं। इसलिए हमने इकट्ठा होकर पंचायत कर सभी ग्रामीणों की सहमति से कई फैसले लिए हैं। जिसमें गांव की सभी दुकानें प्रतिदिन सुचारू रूप से खुलेंगे।
सभी ग्रामवासी प्रतिदिन सुबह से शाम तक अपना काम सुचारू रूप से करेंगे, गांव का कोई भी निवासी कोविड का टेस्ट करवाने बारे स्वेच्छा पर आधारित होगा। पुलिस या अन्य प्रशासनिक अधिकारी गांव में यदि आकर चालान या अन्य समस्या पैदा करता है तो उसके साथ कोई घटना होगी तो प्रशासन खुद जिम्मेदार होगा।