Friday, November 22, 2024
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लोगों को रोजगार योग्य कौशल दिए जाने की जरूरत: प्रोफेसर सोमनाथ

by Newz Dex
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कुवि के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा ‘भारत में कौशल विकास: चुनौतियां और आगे का रास्ता’ विषय पर दो दिवसीय आनलाइन अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा शुक्रवार को ‘भारत में कौशल विकास: चुनौतियां और आगे का रास्ता’ पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ हुआ। संगोष्ठी का उद्घाटन सत्र सरस्वती वंदना के रूप में देवी सरस्वती को पुष्पांजलि देकर शुरू हुआ। तत्पश्चात कुवि की अर्थशास्त्र विभागाध्यक्षा एवं संगोष्ठी निदेशिका प्रो. नीरा वर्मा ने औपचारिक रूप से सभी गणमान्य व्यक्तियों, अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। 

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कौशल विकास पर अपने विचार प्रस्तुत किए और जोर देकर कहा कि भारत को अपने लोगों को रोजगार योग्य कौशल और ज्ञान से लैस करने की आवश्यकता है ताकि जनसांख्यिकीय लाभांश प्राप्त किया जा सके जो अगले 25 वर्षों तक चलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कौशल अंतराल और वेतन अंतराल का कम किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आॅनलाइन संगोष्ठी के आयोजन के लिए पूरी टीम को बधाई दी।  

इस अवसर पर प्रोफेसर देवाशीष पुजारी, प्रोफेसर, डीग्रोट स्कूल ऑफ बिजनेस, मैकमास्टर यूनिवर्सिटी, कनाडा ने कौशल विकास पर व्यापक रूप से विचार व्यक्त करते हुए कहा कि युवा आबादी वाला देश होने के नाते, युवाओं में हार्ड और सॉफ्ट दोनों तरह के कौशल विकसित करने के लिए भारत के लिए अवसर और चुनौतियां भी हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त कौशल अंतर के साथ-साथ वेतन अंतर को एक साथ निपटने की जरूरत है। 

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की डीन अकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजुला चैधरी ने बतौर विशिष्ट अतिथी अपना भाषण प्रस्तुत किया। डिजिटल प्रौद्योगिकी युग में कौशल विकास पर दक्षिण अफ्रिका के तशवाने प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नवाचार और प्रौद्योगिकी के प्रोफेसर प्रो. मम्मोमुची द्वारा एक विशेष विचार-विमर्श किया गया। 

उन्होंने वर्तमान डिजिटल युग में विश्लेषणात्मक सोच और नवाचार, नेतृत्व, प्रौद्योगिकी डिजाइन और प्रोग्रामिंग सहित कौशल के औचित्य पर चर्चा की। उन्होंने अपने व्याख्यान के बाद विभिन्न प्रतिभागियों के प्रश्नों को भी हल किया। तीन तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता क्रमशः प्रोफेसर टी. आर. कुंडू, डॉ. सोनिया सिंह और प्रोफेसर अशोक मित्तल ने की।

संगोष्ठी में पूरे भारत से तीस से अधिक प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और उनके शोध कार्य के साथ, कौशल विकास के विभिन्न क्षेत्रों पर चर्चा की गई। संगोष्ठी में कुवि के डीन रिसर्च एंड डेवलेपमेंट प्रो. पवन शर्मा व डीन इंडिक स्टडीज प्रो. शुचिस्मिता सहित शिक्षक मौजूद रहे। संगोष्ठी में कौशल विकास के विभिन्न पहलुओं पर ज्ञान का प्रसार कर पहले दिन का समापन हुआ।

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