बरवाला से नालंदा के लिए एक लाख 30 हजार में बुक की गई थी बस
न्यूज डेक्स संवाददाता
सफीदों। सोमवार सुबह उस वक्त दुखद घटना सामने आई जब एक डबल डेकर बस ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इस टक्कर में मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति बस के अगले पहिए के नीचे आ गया जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। मृतक की पहचान गांव दरियापुर निवासी ओमप्रकाश (45) के रूप में हुई है। सबसे अहम बात यह है कि इस बस में कोरोना महामारी के नियमों को ताक में रखकर यात्रियों को ऊपर-नीचे ठूस-ठूसकर भर रखा था।
मिली जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश नंबर एक प्राईवेट बस बरवाला से प्रवासियों को भरकर बिहार जा रही थी जैसे ही यह बस नगर के पानीपत रोड़ पर पहुंची तो उसने एक मोटरसाइकिल को टक्कर दे मारी। इस टक्कर में मोटरसाइकिल सवार की मौके पर मौत हो गई। घटना को अंजाम देकर बस का ड्राईवर व कंडक्टर मौके से फरार हो गए। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मोटरसाइकिल का अगला हिस्सा बस के अगले हिस्से में घुस गया था। मामले की सूचना सफीदों पुलिस को दी गई। सूचना पाकर सिटी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मौके का निरीक्षण किया।
पुलिस ने घटनास्थल पर जमा हुए लोगों की मदद से मोटरसाइकिल व ओमप्रकाश को किसी तरह से बाहर निकलवाया। पुलिस ने शव को नगर के नागरिक अस्पताल में पहुंचाया और मार्ग को बहाल करवाया। समाचार लिखे जाने तक पुलिस आवश्यक कार्रवाई कर रही थी। उधर पुलिस ने बस में भरे प्रवासियों को बाहर निकाला तथा बस को अपने कब्जे में लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि इस बस में 100 से 150 लोग भर रखे थे। मृत्तक ओमप्रकाश सफीदों की सब्जी मंडी में मेहनत-मजदूरी का कार्य करता था। हर रोज की भांति अपना कार्य समाप्त करके गांव लौट रहा था कि रास्ते में हादसे का शिकार हो गया। सारे परिवार की जिम्मेवारी उसके ऊपर थी। ओमप्रकाश के निधन को लेकर परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था।
बस में प्रवासियों को भर रखा था ठूंस-ठूंसकर
सारे कोरोना महामारी व सरकारी नियमों को ठेंगे पर रखकर यह बस बरवाला से बिहार के जिला नालंदा जा रही थी और इस बस में हरियाणा में काम करने के लिए आए प्रवासी मजदूर भरे हुए थे। जहां सरकार ने कोरोना के चलते 50 प्रतिशत सवारियां ही बैठाकर ही व्हीकल परमिशन के साथ चलाने के आदेश है लेकिन बताया जाता है कि बस संचालक ने मानवता व महामारी को ताक पर रखकर इस बस में 100 से 150 सवारियां ठूस-ठूसकर भर रखी थी। जानकारी यह भी है कि यह बस बिहार के लिए 130000 रूपए में बुक की गई थी और यह किराए की रकम इन मजदूरों से काटी गई थी।