न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा ने तीनों कृषि कानूनों के विरोध में सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अपने निवास स्थान पर काला झंडा लगाकर रोष प्रकट किया। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार को अहंकार में हठ छोड़कर तीनों कृषि कानृन रद्द करने चाहिए ताकि 6 माह से आंदोलनरत किसान अपने घरों को सम्मान पूर्वक वापिस जा सके। अरोड़ा ने कहा कि आंदोलन की 6 माह की अवधी के दौरान लगभग 500 किसान शहीद हो चुके हैं।
मोदी सरकार अहंकार में डुबी हुई है और हठधर्मिता पर अडी हुई है। देश के किसान का एक बेटा सीमा पर जाकर सैनिक के रूप में देश की रक्षा कर रहा है जबकि दूसरा बेटा किसान के रूप में दिन-रात कडी मेहनत कर इस देश की जनता का पेट पाल रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान और जय किसान का नारा दिया था। मोदी सरकार किसान का अपमान कर रही है जवान और किसान को आपस में लडवाने की बजाए सरकार को चाहिए कि देश के अन्नदाता का सम्मान करे। उन्होने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों के लागू होने का प्रभाव देश की आम जनता पर भी पडेगा।
अन्नदाता द्वारा पैदा किया गया अनाज पूंजीपतियों के गोदामों में कैद हो जाएगा जिससे आम उपभोक्ता को महंगें भाव पर अनाज खरीदना पडेगा। आज देश का किसान अपनी जमीन बचाने के साथ-साथ गरीब और मजदूर की भी लडाई लड रहा है। अरोड़ा ने कहा कि पिछले लगभग 4 माह से अधिक समय से केंद्र सरकार अंादोलनरत किसानों के साथ कोई संवाद नही कर रही है। लोकतंत्र में हर समस्या का समाधान संवाद से ही निकलता है। उन्होने मांग की कि केंद्र सरकार आंदोलनरत किसानों के साथ तुरंत वार्ता करे और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे।