न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद।प्रदेश सरकार ने जींद नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी डॉ सुरेश चौहान को निलंबित कर दिया है। उनकी जगह नरवाना के ईअो सुशील कुमार को जींद नगर परिषद का कार्यभार सौंपा गया है। स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से जारी निलंबन आदेशों में इसका कारण नहीं बताया गया है। हालांकि बताया जा रहा है कि आरटीआइ के एक मामले में उन पर ये कार्रवाई हुई है।
शिवपुरी कालोनी निवासी विरेंद्र जांगड़ा ने साल 2016 में गली निर्माण के मामले में आरटीआइ लगाई थी। वहीं दूसरी आरटीआइ में दमकल विभाग के स्टाफ के बारे में सूचना मांगी थी। लेकिन साल 2020 तक बार-बार सूचना मांगने के बावजूद उसे सूचना नहीं मिली। इस दौरान डॉ एसके चौहान भी जींद नगर परिषद ईओ रहे। वहीं उनसे पहले ईओ रहे अरूण भार्गव पर इस मामले में 15 हजार रुपये का जुर्माना लगा था।
विरेंद्र जांगड़ा ने बताया कि सूचना आयुक्त की तरफ से इस मामले में स्थानीय निकाय विभाग को ईओ डॉ एसके चौहान के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा गया था। पांच माह पहले मुख्यालय ने जिला नगर आयुक्त को ईओ के खिलाफ कार्रवाई के लिए ड्राफ्ट तैयार कर भेजने के लिए कहा था। लेकिन जिला नगर आयुक्त की तरफ से ड्राफ्ट नहीं भेजने पर दो मई को विरेंद्र जांगड़ा ने सीएम विंडो पर शिकायत दी थी।
विरेंद्र जांगड़ा ने बताया कि इस मामले में उन्होंने मुख्यालय में बात की, तो अधिकारियों ने बताया कि आरटीआइ के मामले में ही ईओ को निलंबित किया गया है। डॉ एसके चौहान ने बताया कि उनके पास निलंबन आदेश आ चुका है। निलंबन क्यों किया गया है, इसकी जानकारी नहीं है।
-विवादों से रहा है चोली-दामन का साथ-
ईओ डॉ सुरेश चौहान का कई विवादों में चोली-दामन का साथ रह है। नरवाना नगर परिषद में रहते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में हुई अनियमितता में उनकी लापरवाही सामने आई थी। जिसकी जांच पिछले साल तत्कालीन जिला नगर आयुक्त डा. सुशील कुमार ने की थी और मुख्यालय को उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। वहीं पिछले साल जींद नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी के पति भाजपा नेता जवाहर सैनी के साथ विवाद हुआ था। जिसके बाद उनकी जींद से टोहाना ट्रांसफर हुई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा है।