टीकाकरण तीसरी लहर को रोकने का ब्रह्मअस्त्र : डा. ढींडसा
न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद। देश में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम हो रही है। यदि यही क्रम चलता रहा तो 15 जून तक देश मे नए संक्रमण के केस मात्र 25 हजार प्रतिदिन रह जाएगें। यह कहना है अंर्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक व जेसीडी विद्यापीठ के पूर्व महानिदेशक डा. कुलदीप सिंह ढींडसा का। डा. ढींडसा के अनुसार देश पर अब दुर्भाग्यवश कोरोना की तीसरी लहर का डर भी मंडराने लगा है। जिसके लिए एक अक्रामक टीकाकरण अभियान की आवश्यकता है। जिसमें भारत सरकार पूरी तरह से सक्षम है।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण ही देश में कोरोना की तीसरी व चौथी लहर को रोकने का ब्रह्म अस्त्र है।
डा. ढींडसा ने बताया कि भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक देश की लगभग 2 प्रतिशत आबादी कोविड-19 के संक्रमण से ग्रस्ति हुई है। यानी 98 प्रतिशत जनता पर खतरा अब भी मंडरा रहा है। ऐसे में टीकाकरण ही कारगर साबित होगा।
डा. ढींडसा का मानना है कि सरकार अधिकतम वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत सरकार ने भारत बायोटेक को कोवैक्सीन बढ़ाने का आदेश दिया है और अनुमान है कि अक्तूबर तक यह प्रतिमास 10 करोड़ टीके के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त कर लेगी। इसी तरह भारत सरकार के प्रयासों से सीरम रिसर्च इंस्टीच्यूट ने अपनी उत्पादन क्षमता को साढ़े 6 करोड़ से बढ़ाकर 11 करोड़ प्रतिमास कर दिया है। जिससे देश के लोगों का अधिक से अधिक कोविशील्ड वैक्सीन मिल सकेगी।
डा. ढींडसा ने बताया कि नीति आयोग के अनुसार वर्ष 2021 के अंत तक लगभग 200 करोड़ टीकों का उत्पादन हो सकेगा जो भारत के टीकाकरण अभियान में एक मील का पत्थर साबित होगा। डा. ढींडसा ने बताया कि जल्द ही रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-फाईव का प्रोडक्शन भी भारत में शुरू हो जाएगा इसके इलावा फाईजर, जॉनसन एंड जॉनसन और मॉडर्ना के टीके भी जल्द भारत में उपलब्ध होगें। डा. ढींडसा ने बताया कि सौभाग्य से भारत के पास टीकाकरण के अभूतपूर्व आधारभूत संसाधन है।
भारत में लगभग 40 हजार टीकाकरण केंद्र है तथा प्रत्येक केंद्र की क्षमता लगभग 125 टीके प्रतिदिन की है। यदि प्रर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध हो जाए तो 31 दिसम्बर तक लगभग 100 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य संभव है तथा मार्च 2022 तक लगभग सभी भारतीय को पहला टीका लगाया जा सकता है जो हर्ड इम्यूनिटी का घोतक होगा और हम सफलतापूर्वक समय से पहले तीसरी लहर पर अंकुश लगाने में सक्षम होगें।
डा. ढींडसा अनेक अवार्डो से सम्मानित:
डा. कुलदीप सिंह ढींडसा अनेक राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय अवार्डो से सुशोभित हो चुके है। उनके द्वारा रसायन विज्ञान में दिए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी अवार्ड से सम्मानित किया था और यह अवार्ड प्राप्त करने वाले डा. ढींडसा हरियाणा के पहले वैज्ञानिक है। इसी तरह वर्ष 2016 में इंडियन कैमिकल सोसायटी ने उन्हें लाईफ टाईम अचीवमैंट अवार्ड से सम्मानित किया।