मरहम लगाने की बजाए जनता के जख्मों पर नमक छिड़क रही है सरकार : अशोक अरोड़ा
बढ़ती महंगाई ने तोड़ दी आम आदमी की कमर, दालों व खाद्य तेलों की कीमतें भी हुई डेढ़ से दो गुणा
आवश्यक प्रयोग की वस्तुओं पर टैक्स कम कर जनता को राहत दे सरकार : अरोड़ा
अजीब तमाशा, दुकानें बंद बड़ी कंपनियों की होम डिलीवरी चालू
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि कोरोना काल में जनता के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाए सरकार बढती महंगाई पर रोक न लगाकर लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। कोरोना काल के दौरान पिछले एक वर्ष की अवधी में डीजल के भाव लगभग 24 रूपए लीटर बढ गए है। गत वर्ष एक अप्रैल 2020 को डीजल का रेट 61.85 रूपए प्रति लीटर था जोकि अब बढ़कर 85.43 रूपए प्रति लीटर हो गया है।
इसी प्रकार पैट्रोल का भाव लगभग 22 रूपए प्रति लीटर बढ गया है। गत वर्ष पैट्रोल का रेट 70 रूपए लीटर था जोकि अब बढ़कर 91.75 पैसे लीटर हो गया है। मई के माह में ही डीजल और पैट्रोल के दाम 16 बार वृद्धि कर डीजल का भाव 4.40 रूपए प्रति लीटर तथा पैट्रोल का रेट 3.68 रूपए प्रति लीटर बढाया गया है जोकि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। अरोड़ा ने कहा कि डीजल के रेट बढने का सीधा प्रभाव महंगाई पर पडता है इसलिए महंगाई रोकने के लिए सरकार को पैट्रोल व डीजल पर टैक्स की दर कम करनी चाहिए।
अरोड़ा ने कहा कि इसी प्रकार सरिए का भाव गत वर्ष 4 हजार रूपए प्रति क्विंटल था जोकि अब 6 हजार प्रति क्विंटल हो गया है। सीमेंट का रेट भी 70 से 80 प्रति बैग बढा है। सीमेंट व सरिए के रेट में अत्याधिक वृद्धि होने का प्रभाव दिहाडीदार मजदूरों व मिस्त्रियों पर भी पड़ रहा है। महंगाई के कारण निर्माण कार्य ठप्प हैं और मजदूरों को रोजगार नही मिल रहा और अधिकतर मजूदर जो उत्तर प्रदेश व बिहार से आते हैं, अपने घरों को पलायन कर गए हैं।
महंगाई का जिक्र करते हुए उन्होने कहा कि आम आदमी के प्रयोग में आने वाला सरसों का तेल 90 रूपए से बढ़कर 170 रूपए प्रति लीटर बिक रहा है। जबकि मूंगफली का तेल 210 रूपए प्रति लीटर हो गया है। मूंग की दाल जोकि गरीब आदमी प्रयोग में लाता है उसका रेट भी बढकर 110 रूपए प्रति किलोग्राम हो गया है। चने की दाल 90 रूपए प्रति किलोग्राम बिक रही है। इस प्रकार दाल रोटी खाकर गुजारा करना भी आम आदमी के लिए मुश्किल हो गया है। बढ़ती महंगाई ने जनता की कमर तोड़ दी है। भाजपा सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने की बजाए जनता का इन मुद्दों से ध्यान भटकाने में लगी हुई है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि एक ओर जनता महंगाई की मार झेल रही है दूसरी ओर प्रदेश में बेरोजगारी दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। आज प्रदेश में 35 प्रतिशत बेरोजगारी के साथ हरियाणा पूरे देश में नंबर एक पर है। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी स्वीकार किया है कि लॉकडाउन के कारण लोगों का काम धंधा ठप्प है। लोगों के लिए बिजली के बिल व बच्चों की स्कूल की फीस भरना मुश्किल हो गया है। महंगाई की सबसे अधिक मार गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ रही है। उन्होने मांग की कि सरकार को महंगाई पर अंकुश लगाना चाहिए और टैक्स की दरों में कमी कर राहत देने का काम करना चाहिए।
अरोड़ा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पूंजीपतियों के हितों की रक्षा कर रही है। आज बाजार तो बंद हैं लेकिन बडी कंपनियां सामान की होम डिलीवरी दे रही हैं। ऑनलाईन बिक्री से आम दुकानदार जो पहले ही कोरोना की मार झेल रहा है, के काम धंधे पर दुष्प्रभाव पड रहा है। इस कारण छोटे व मध्यम वर्ग के दुकानदारों व व्यापारियों को रोटी के लाले पडे हैं।