कुरुक्षेत्र,16 अगस्त। विश्व हिन्दू परिषद् का ध्येय वाक्य है धर्मो रक्षित रक्षितः यानी जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है ये बातें विश्व हिन्दू परिषद के जिला मंत्री पंडित प्रेम नारायण अवस्थी ने शुक्रवार को विश्व हिन्दू परिषद के 56 वें स्थापना दिवस पर कही। स्थापना कार्यक्रम सैक्टर 13 के हनुमान मंदिर में मनाया गया।
अवस्थी ने कहा कि वीएचपी की स्थापना 1964 में धर्म की रक्षा के लिए की गई थी। इसके संस्थापक सदस्यों में स्वामी चिन्मयानंद, एसएस आपटे और मास्टर तारा सिंह थे। 1966 के प्रयाग कुंभ मेले में, विश्व सम्मेलन के साथ संगठन का स्वरूप सामने आया और कहा गया कि ये गैर रजनीतिक संगठन होगा और राजनीतिक पार्टी का अधिकारी विश्व हिन्दू परिषद का सदस्य नहीं होगा। तब से संगठन एक निष्ठ होकर हिन्दू धर्म की रक्षार्थ कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कभी हमारा देश सोने की चिड़िया कहा जाता था भारत में शिक्षा के बड़े-बड़े केंद्र थे। विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी ज्ञान के लिए भारत आते थे किन्तु मुसलमानों के आक्रमण और अंग्रेजों के शासन के कारण हिन्दुओं का आत्माभिमान गिर गया और देश एक हजार वर्षों तक गुलाम रहा। 1528 में बाबर ने भारत देश पर आक्रमण किया और हिन्दुओं के कई धार्मिक स्थलों को तोड़ा और वहां मस्जिदें बनवा दी। राम मंदिर के स्थान पर बाबर के सेनापती मीर बकी ने अयोध्या में विवादित ढांचा बनवाया। जिसे भारत के उच्चतम न्यायलय ने साक्ष्यों के आधार पर माना कि मंदिर की जंगह पर मस्जिद बनवाई गई है। जिसके बाद कोर्ट का फैसला हिन्दुओं के पक्ष में आया और आज राम मंदिर निर्माण की नीव रखी जा चुकि है। इसके पीछे विश्व हिन्दू परिषद् व अन्य हिन्दू संगठनों का बहुत बड़ा योगदान है।
अवस्थी ने कहा की वीएचपी ने राम मंदिर आंदोलन को अपने हाथ में 1984 में लिआ था जिसके बाद अनवरत संघर्ष चलता रहा। राम मंदिर निर्माण से हजारों-लाखों हिन्दुओं का सपना पूरा होने जा रहा है। विश्व हिन्दू परिषद इसी प्रकार हिन्दू धर्म और संस्कृति की रक्षा करता रहेगा। कार्यक्रम में मुख्यातिथि हुक्म चंद गर्ग रहे, वशिष्ठ अतिथि के रुप में केसी रंगा मौजूद रहे व अध्यक्षता सुलतान सिंह ईशाकपुर ने की। कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम में परिषद् के मुख्य लोग ही मौजूद रहे। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया। सुरेश जोशी, विवेक, कमल भारद्वाज, अतुल शास्त्री, सुशिल चौधरी, धर्मवीर, राकेश शर्मा, राकेश महता, धर्मवीर सौरगीर, मीरा गौतम श्याम कुंज सैनी आदी गणमान्य इस मौके पर उपस्थित रहे।