विश्व पर्यावरण दिवस पर 8 तीर्थो पर पंचवटी लगाकर किया अभियान का शुभारंभ
सांसद नायब सिंह सैनी ने ज्योतिसर तीर्थ से किया शुभारंभ
केडीबी व वन विभाग के सहयोग से शुरु किया अभियान
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। अब पर्यावरण को सहेजने के लिए 48 कोस तीर्थो पर पंचवटी (पीपल, वट, आंवला, बेल व अशोक) के पौधे लगाएं जाएंगे। इस पंचवटी अभियान के तहत 48 कोस के अंतर्गत आने वाले कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपच व जींद जिलों के 134 तीर्थो पर पंचवटी का पौधारोपण अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के पहले कुरुक्षेत्र के 8 तीर्थो पर पंचवटी के पौधे लगाएं गए है। विश्व पर्यावरण दिवस पर शनिवार को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड व वन विभाग के सहयोग से आयोजित पंचवटी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
इस पंचवटी पौधोरोपण अभियान का शुभांरभ ज्योतिसर तीर्थ से सासंद नायब सिंह सैनी, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज व केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, ब्रह्सरोवर से विधायक सुभाष सुधा व सीईओ केडीबी अनुभव मैहता, सुर्यकुंड तीर्थ से केडीबी सदस्य विजय नरूला व राजेश शांडिल्य, सन्निहित सरोवर से भाजपा के जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी व केडीबी सदस्य डा. शुचि सम्मिता, अभिमन्यु पुर अमीन में केडीबी सदस्य के सी रंगा, किरमच के कुलातारण तीर्थ पर केडीब सदस्य सुशील राणा, कर्ण के टीले पर केडीबी सदस्य उपेंद्र सिंघल तथा रंतुक तीर्थ पर केडीबी सदस्य मोहिंद्र सिंगला ने पंचवटी लगाकर किया है।
सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पौराणिक भूमि में कभी काम्यक वन, अदिति वन, व्यास वन, फल्की वन, सूर्य वन, मधु वन एवं शीत वन जैसे सात वन थे, 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि के अधिकांश तीर्थ स्थल वनों में स्थित थे। जहां ऋषि मुनियों के आश्रम हुआ करते थे। यही आश्रम कालांतर में तीर्थ रुप में परिणित हुए। तीर्थो की इसी धरोहर को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि कुरुक्षेत्र के सांस्कृतिक महत्व के प्रतीक इन तीर्थो पर पंचवटी का रोपण किया जाए। इस से तीर्थो का वातावरण शुद्ध प्राणदायी एवं अपने प्राचीन स्वरुप को प्राप्त कर सकेगा। पंचवटी के इस पौधारोपण से तीर्थो के सौंदर्यकरण में भी अभिवृद्धि होगी। इस मौके पर केडीबी के अधिकारीगण मौजूद थे।