पूर्व छात्र परिषद द्वारा कोविड ग्रस्त मरीजों की सेवा का बीड़ा उठाना सराहनीय कार्य : डॉ. रामेन्द्र सिंह
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। विश्व पर्यावरण दिवस पर श्रीमद्भगवद्गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में वृक्षारोपण किया गया। साथ ही हवन यज्ञ में आहुतियां डालकर कोविड महामारी समाप्त होने की कामना की। इस अवसर पर विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान के निदेशक रामेन्द्र सिंह यजमान के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि वर्तमान कोविड काल में विद्या भारती पूर्व छात्र परिषद ने भोजन वितरण एवं कोविड से ग्रस्त मरीजों की सेवा का जो बीड़ा उठाया है, वह अत्यंत सराहनीय है।
यह सेवा कार्य जिस विद्यालय में हो रहा है, उसकी नींव परमपूज्य माधवराव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) ने रखी थी, जिसकी आज पुण्यतिथि भी है। इसी विद्यालय परिसर में कुरुक्षेत्र के सुविख्यात राष्ट्रवादी पत्रकार रोहित सरदाना की स्मृति में गीता रसोई भी चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों की जीवन रक्षा में पर्यावरण का बहुत महत्व है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक पौधा तो अवश्य लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों में शिक्षा के साथ-साथ देश व समाज के प्रति दायित्व बोध एवं संस्कारयुक्त शिक्षा दी जाती है।
इस अवसर पर पूर्व छात्र परिषद के राष्ट्रीय संयोजक श्री पंकज शर्मा ने कहा कि विद्या भारती पूर्व छात्र परिषद संगठन विश्व का सबसे बड़ा संगठन बन गया है। इसमें 5 लाख 28 हजार छात्र पंजीकृत हैं और करोना काल में पूर्व छात्रों के सहयोग से अनेक विद्यालयों में कोई न कोई सामाजिक कार्य चल रहे हैं।
इस अवसर पर हवन के यजमान कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में स्थित यूआईईटी के डायरेक्टर सी.सी. त्रिपाठी ने कहा कि पूर्व छात्र परिषद करोना से संक्रमित मरीजों को स्वादिष्ट एवं घर जैसा शुद्ध भोजन परोस कर सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने समाज के सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि संगठन के इस पवित्र कार्य में अपना योगदान एवं सहयोग कर इनका मनोबल बढ़ाएं। संकट की इस घड़ी में हम एक दूसरे का सहयोग कर इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
मातृ सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा पुरातन छात्र परिषद द्वारा कोविड पीडि़त मरीजों के लिए गीता रसोई के माध्यम से दैनिक भोजन की व्यवस्था कर मानव सेवा का महान कार्य किया जा रहा है। आज कोविड महामारी के समय जरूरतमंदों की सहायता वास्तविक मानव सेवा है। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधक अशोक रोशा ने कहा कि प्रतिदिन हवन में भोजन का भोग लगाकर जब हम दूसरे भोजन में मिलाते हैं तो वह भोजन न रह कर प्रसाद बन जाता है।
हमारी मंगलकामना यही रहती है कि यह प्रसाद खाकर रोगी शीघ्र शीघ्र स्वस्थ हो। गीता रसोई के 33वें दिन करोना महामारी के कारण मृतक हुए ज्ञात अज्ञात बंधुओं को मोक्ष मिले, इसके लिए पुष्पांजलि अर्पित कर परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत ओं को अपने चरणों में स्थान दें। विद्यालय प्रधानाचार्य अनिल कुलश्रेष्ठ ने आए हुए महानुभावों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर शमशेर कश्यप, निखिल, वार्डन महावीर व जयप्रकाश भी उपस्थित रहे।