-बीजेपी और कोरोना देश के लिए घातक-किसान आंदोलन का किया समर्थन, तीनों कृषि कानून रद्द करे सरकार
न्यूज डेक्स संवाददाता
जींद।पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि जिनता कोरोना खतरनाक है उतना ही मोदी और भाजपा भी खतरनाक है। देशभर में फैले कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार अपने घरों में बंद हो गई है और नेताओं को कोरोना से डर लगता है। होना तो यह चाहिए कि वो जनता के बीच में रहें और अधिकारियों का मनोबल बढाएं लेकिन उन्हें जनता से ज्यादा स्वयं की जान प्यारी है। अपना भारत मोर्चा के संयोजक एवं पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर शनिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि किसान कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए लंबे समय से आंदोलनरत हैं। सरकार को चाहिए कि वो किसानों के हक में इन कृषि कानूनों को रद्द करे। जब किसान काले कानूनों को नहीं मानते तो इन्हें वापस लेना चाहिए। प्रदेश में बार-बार अहिंसा फैलाने की कोशिश सरकार को नहीं करनी चाहिए। सरकार के विधायक, सांसद, नेताओं का सब जगह उनका घेराव हो रहा है तो यह कब तक चलेगा। यह स्थिति लोकतंत्र व हरियाणा के लिए ठीक नहीं है। वो सरकार से यही कहेंगे कि वार्ता के माध्यम से इस आंदोलन को समाप्त करें और कोरोना के खिलाफ जंग लड़ें ताकि देश की अर्थव्यवस्था बहाल हो।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में फैक्टरियां, उद्योग धंधे बंद हुई हैं और मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है। सरकार को चाहिए कि उनके रोजगार व पैकेज के बारे में सोचे। फिलहाल उनका मोर्चा कोरोना के खिलाफ जंग में जुटी है। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष में जान बहुत सस्ती है। इसलिए हर भारतवासी को बचाना जरूरी है। भारतवासी जब बचेंगे जब निशुल्क वैक्सीनेशन होगी और निशुल्क इलाज होगा। जब तक भारत में कोरोना रहेगा तब तक दुनिया में कोरोना खत्म नहीं हो सकता है। क्योंकि आबादी के मामले में भारत दूसरे नंबर हैं।
डा.तंवर ने कहा कि सरकार ने वैक्सीन पहले बाहर भेज दी, अब वैक्सीन के लिए कोशिश कर रहे हैं,जो इतना आसान नहीं है। सरकार द्वारा मृतकों को लेकर डाटा भी छुपाया जा रहा है ताकि सरकार की फेलियर का लोगों को पता न चल सकें। इस समय सरकारी डाटा से 10 गुणा से ज्यादा मौत कोरोना से हुई हैं। सरकार अगर समय रहते प्रबंध करती तो इतनी मौते नहीं होती। ये उन लोगों की हत्या हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महापूंजपतियों के हाथों की कठपुतली बन चुकी है।
डा.तंवर ने कहा कि सरकारों की गलत नीतियों का खामियाजा हर भारतवासी भुगत रहा है। कोरोना महामारी के दौरान जिन बच्चों ने अपने अभिभावकों को खो दिया, उनके जीवनयापन का प्रबंध सरकार को करना चाहिए। जिस तरह की घोषणा सरकार ने की है उसमें न तो उनकी शिक्षा के बंदोबस्त का जिक्र है और न ही उनके पेट भरने का। ऐसे में सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए कि उसका जमीनी स्तर पर फायदा मिल सके।