न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 17 अगस्त हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने उपायुक्तों को निर्देश दिये कि निकट भविष्य में कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए चार टी यानि ट्रेसिंग, ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट पर ध्यान दिया जाना जुरुरी है। वर्तमान में पूरे देश में आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 लागू है और प्रदेश में इस अधिनियम की पालना पूरी ईमानदारी से की जानी चाहिए। कोरोना संकट से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनने की अनुपालना किया जाना अनिवार्य है। मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों और जिला उपायुक्तों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक में जरुरी दिशा-निर्देश दे रही थी। इस वीसी में उपायुक्त धीरेन्द्र खडगटा ने जिला कुरुक्षेत्र में कोविड-19 को लेकर किए जा रहे कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की और कहा कि सभी अधिकारी और कर्मचारी दिन-रात कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने और लोगों में जागरुकता लाने का काम किया जा रहा है। इस दौरान मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने जिलों में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति एवं इससे निपटने के लिए अपनाई जा रही व्यापक रणनीतियों की विस्तृत प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव केशनी आंनद अरोड़ा ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को कोविड-19 के प्रबंधन के लिए टेस्टिंग सुविधा बढ़ाने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, कंटेनमेंट जोन की कड़ी निगरानी पर जोर देने के साथ-साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए। प्रदेश के साथ लगते राज्यों में कोरोना के मामलोंं की संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा श्रमिक भी अपने गृह राज्यों से काम पर लौट रहे हैं, ऐसे में और सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिये कि जो श्रमिकों अपनेे गृह राज्यों से काम पर लौट कर आ रहें हैं, उनकी टेस्टिंग की जानी अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों को आरटी-पीसीआर परीक्षण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और आरटी-पीसीआर परीक्षण का पूरी तरह से उपयोग करने के बाद ही इसे रैपिड एंटीजन परीक्षण किट द्वारा पूरक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लक्षणों वाले मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्थापित फ्लू कार्नरों में भेजा जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण या इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों की निगरानी सावधानी पूर्वक की जाए ताकि प्रारंभिक चरण में ही किसी भी संभावित संक्रमण का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य परीक्षण को बढ़ाने के लिए आवश्यकता आधारित परीक्षण केंद्रों की स्थापना करना है ताकि टेस्टिंग कर मरीजों को आइसोलेट कर उपचार किया जा सके और बीमारी के फैलने से रोकने में मदद मिल सके। उन्होंने उपायुक्तों को कोविड-19 संकट के बेहतर प्रबंधन के लिए कोविड रिपोर्ट का प्रतिदिन आंकलन करने का सुझाव दिया।