न्यूज डेक्स संवाददाता
उचाना। प्राचीन श्री राधा कृष्ण मंदिर लाला प्रभु दयाल चौधरी धर्मार्थ ट्रस्ट आचार्य सत्यनारायण पुजारी ने बताया कि इस साल शनि देव जयंती 10 जून को मनाई जाएगी। हिंदू पंचाग के अनुसार शनि जयंती हर साल जेष्ठ मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मनुष्य के कर्मों के अनुसार ही शनि देव उसे वैसा ही फल देते हैं।
मनुष्य द्वारा किया गया कोई भी बुरा या अच्छा कार्य शनिदेव से छिपा हुआ नहीं है। इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है कि इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जिसके बाद जीवन में धन की परेशानी नहीं रहती है, साथ ही मान-सम्मान में वृद्धि होती है। परंतु उनकी पूजा में यदि भूल से भी ये गलतियां हो गई तो उपासक को अपार क्षति हो सकती है।
ना करें ये गलतियां
उन्होंने बताया कि शनिदेव की पूजा करते समय उपासक को भूलकर भी उनसे अपनी दृष्टि नहीं मिलानी चाहिए. अन्यथा उपासक के जीवन में अनिष्ट हो सकता है। उपासक को चाहिए कि वे शनिदेव का सारा पूजन सिर को नीचे झुकाकर ही करें। ऐसी मान्यता है कि शनिदेव को उनकी पत्नी से श्राप मिलने से दृष्टि वक्र हो गई है। ऐसे में आंख मिलाकर उनकी पूजा करने से उपासक के जीवन में अनिष्ट हो सकता है।
इसलिए शनिदेव के सामने कभी भी एकदम खड़े होकर उनकी आंखों में आंख डालकर पूजा या दर्शन नहीं करनी चाहिए। पुजारी ने बताया कि ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 09 जून को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से शुरू होगी, जोकि 10 जून को शाम 04 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी।