रेणुका सदन में सभा के मुख्य सलाहाकार जयनारायण शर्मा की अध्यक्षता में बैठक
शर्मा ने हिंदू संगठनों को लिया निशाने पर,तीर्थ और तीर्थ पुरोहितों के मुद्दे पर भूमिका होती है गौण
10 जून से ब्रह्मसरोवर के सभी मंदिरों के साथ कर्मकांड कर सकेंगे तीर्थ पुरोहित : जयनारायण
केडीबी सीईओ ने 10 जून से ब्रह्मसरोवर खोलने का दिया आश्वासन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। धर्मनगरी के प्रमुख तीर्थ ब्रह्मसरोवर खोले जाने की मांग लेकर श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा ने बैठक कर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड आफिस के बाहर प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। इससे पूर्व सन्निहित सरोवर के समीप रेलवे रोड स्थित रेणुका भवन में सभा ने एक बैठक बुलाकर कुरुक्षेत्र के प्रमुख तीर्थ ब्रह्मसरोवर को बंद रखने की निंदा की। बैठक की अध्यक्षता कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के पूर्व सदस्य एवं नप के पूर्व वाइस चेयरमैन ब्राह्मण नेता जयनारायण शर्मा एडवोकेट ने की।
बैठक में निर्णय लिया गया की कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के कार्यालय पर ब्रह्मसरोवर खोलने की मांग को लेकर रोष प्रदर्शन किया जाए और बोर्ड के चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर अनुभव मेहता से मिलकर ब्रह्मसरोवर खोलने की मांग की जाए।बैठक में जयनारायण शर्मा ने पदाधिकारियों को अवगत कराया कि एक दिन पहले बैठक कर प्रशासन को मीडिया के माध्यम से अवगत कराया गया था कि नई कोविड गाइड लाइन के तहत ब्रह्मसरोवर को भी खोला जाए।
इस संबंध में सभी प्रमुख अखबारों में समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद भी कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड नहीं जागा,इसकी वजह से सभा ने आपात बैठक बुलाकर केडीबी के रवैए के खिलाफ प्रदर्शन करने निर्णय सर्वससम्मति से लिया गया। इसके बाद रेणुका सदन से काफी संख्या में पदाधिकारी एवं तीर्थपुरोहित कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कार्यालय पहुंचे और अपनी मांग को लेकर नारेबाजी की।
सभा के मुख्य सलाहाकार जयनारायण शर्मा के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल केडीबी सीईओ से मिला और ब्रह्मसरोवर को खोलने की मांग रखी। जयनारायण शर्मा के अनुसार इस मुलाकात के बाद मीडिया को बताया कि सीईओ ने आश्वासन दिया है कि बृहस्पतिवार सुबह से ब्रह्मसरोवर तीर्थ पुरोहितों व अन्य श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ब्रह्मसरोवर बंद किए जाने के कारण इसकी परिक्रमा परिधि में सर्वेश्रवर महादेव मंदिर,प्राचीन कात्यायनी देवी मंदिर,प्राचीन द्रोपदी कूप,प्राचीन श्याम मंदिर व प्राचीन मराठा पूर्वमुखी हनुमान मंदिर,रामदरबार मंदिर शामिल हैं। शर्मा ने बताया कि इन मंदिरों में सेवाएं दे रहे पुजारी व अन्य सेवादारों के अलावा तीर्थ पुरोहितों को कामकाज कोरोना की वजह से पहले ही महीनों से बंद था,लेकिन जब सरकार ने कोविड की नई एडवायजरी के तहत 7 जून से धर्मस्थलों को खोलने की अनुमति दी है,लेकिन ब्रह्मसरोवर और इसकी परिधि में यह सभी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद पड़े हैं।
शर्मा ने बताया कि सभा की ओर से सभी तीर्थ पुरोहितों से आह्वान किया है कि 10 जून को शनि अमावस्या से ब्रह्रासरोवर स्थित अपने अपने कार्यस्थल पर कर्मकांड पूजा अर्चना कोविड की एडवायजरी का सख्ती से पालन करते हुए शुरु करें। शर्मा ने गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद और विधायक सुभाष सुधा का आभार जताया कि इन्होंने ब्रह्मसरोवर को खुलवाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वहीं शर्मा ने यह सीधे तौर पर धर्म की राजनीति करने वाले संगठनों को भी निशाने पर लिया और कहा कि जब भी तीर्थ और तीर्थ पुरोहितों से खिलवाड़ होता है,तब इन संगठनों की भूमिका गौण होती है।इस अवसर सभा के अध्यक्ष पंडित पवन शास्त्री,वरिष्ठ उपप्रधान श्याम तिवारी, प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा,संरक्षक नरेंद्र शर्मा निंदी, उपाध्यक्ष नितिन भारद्वाज, कोषाध्यक्ष विजय शर्मा, सह सचिव मुकेश जोशी, कार्यकारिणी सदस्य पृथ्वी नाथ गौतम एडवोकेट, सेवानिवृत एसडीओ रवि प्रकाश शर्मा,रघुबीर गौतम,आचार्य नरेश कौशिक,तीर्थ पुरोहित राकेश गोस्वामी,तीर्थ पुरोहित पंडित राजा,राजीव अच्चू स्वामी, तपस्वी कौशिक सहित काफी संख्या में तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।