Friday, November 22, 2024
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अपना मारे,तो भी छावं में गेरे,सुरजेवाला को जींद में क्यों बोलनी पड़ी ये कहावत,पढ़ें

by Newz Dex
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क्षेत्र के अदना से किसान को सरकारी बेड़ियों से छुड़ाने जिला अदालत पहुंचे रणदीप

न्यूज डेक्स संवाददाता

जींद।अपना मारे छांव में गेरे–यह हरियाणवीं कहावत चरितार्थ करने कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला दूसरी बार किसी अदालत में पहुंचे। इससे पहले राजद्रोह के मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार क्षेत्र के बड़े किसान नेता घासी राम नैन को जेल से रिहा कराने में वर्ष 2003 में बड़ी भूमिका निभाई थी।किसी को कानों-कान खबर नहीं थी कि बुधवार को कांग्रेस के बड़े नेता रणदीप सुरजेवाला बीबीपुर के उस छोटे से किसान की पैरवी करने जींद की जिला अदालत में पहुंचेंगे।

अचानक उन्होंने अदालत में पहुंचकर सभी को हैरत में डाल दिया। किसान दलबीर सिंह को सदर थाना पुलिस ने जाट आरक्षण के दौरान फरवरी 2017 में भडकाऊ भाषण देने में वांछित तथा हाल ही में सोशल मीडिया पर सीएम तथा पीएम को धमकी देने, गाली गलौच करने के आरोप में 29 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

हाल ही में सोशल मीडिया पर गांव बीबीपुर निवासी डा. दलबीर सिंह की वीडियो वायरल हुई थी। जिसमें तीन कृषि कानून तथा व्यवस्था को लेकर दलबीर सीएम मनोहरलाल तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली देता दिखाई दे रहा है। साथ ही बुरा अंजाम भुगतने की धमकी भी दे रहा है। सोशल मीडिया में वायरल हुई वीडियो के आधार पर सदर थाना पुलिस ने डा. दलबीर के खिलाफ राजद्रोह, समूह के लिए खतरा बनने, अपमानित करने, मानहानि तथा बुरा अंजाम भुगतने की धमकी देने का मामला दर्ज किया है।

डा. दलबीर पर 22 फरवरी 2017 को जाट आरक्षण के दौरान गांव ईक्कस धरने पर भडकाऊ भाषण देने तथा पीएम को गाली देने का मामला सदर थाना में दर्ज हुआ था। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भडकाऊ भाषण तथा गाली गलौच करने के मामले में डा दलबीर की गिरफ्तारी नहीं हुई थी। हाल ही में फिर से सीएम तथा पीएम को गाली व धमकी देने तथा भडकाउ बोल बोलने पर सदर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।

29 मई से वह जेल में बंद है। बुधवार को एडीजे गुरविंदर कौर की अदालत में बतौर वकील बन किसान दलबीर सिंह की पैरवी की। उन्होनेइस मुद्दे पर दायर जमानत याचिका पर सरकारी वकीलों से करीब घन्टे बहस की और दलबीर सिंह को निर्दोष बताते हुए सरकार की अन्यायपूर्ण कार्यवाई पर बतौर वकील दलबीर सिंह का पक्ष रखा। हालांकि अदालत ने दोपहर तक जमानत याचिका पर फैसला दोपहर बाद तक सुरक्षित रख लिया।

दोपहर बाद अदालत ने दोनों जमानत याचिकाएं भी खारिज कर दी। हालांकि सुरजेवाला के नजदीकी सूत्रों का कहना है कि मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी जाएगी। सरकार की किसी भी ज्यादती का जनता के बीच आए न्यायलय में डटकर मुकाबला किया जाएगा।-यह दूसरा मौका जब किसी किसान की पैरवी करने पहुंचे सुरजेवाला-राजनीतिक जीवन की व्यस्तताओं के बीच पिछले 20 साल में यह दूसरा मौका है जब कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला खुद अदालत में वकील बनकर पहुंचे।

वर्ष 2002 में हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला के शासन में बिजली बिलों की माफी व अन्य मुद्दों को लेकर किसान आंदोलन शुरू हुआ था। वर्ष 2002 में अम्बाला जिले के शहजादपुर चीनी मिल के समक्ष किसानों के प्रदर्शन के दौरान जींद जिले के बड़े किसान नेता घासी राम नैन को 25 नवंबर 2002 को राजद्रोह के आरोप गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उसके बाद हैं को रिहा करने की कमान सुरजेवाला ने संभाली थी।

सेशन कोर्ट, हाई कोर्ट व सुप्रीमकोर्ट तक मामले की 13 महीने चली अदालती सुनवाई में मुख्य भूमिका रणदीप सुरजेवाला ने निभाई थी। 25  दिसंबर 2003 को किसान नेता घासी राम नैन रिहा हो पाए थे।जींद में एक छोटे से किसान दलबीर सिंह की अदालत में पैरवी करना उस हरियाणवीं कहावत को चरितार्थ करने के बराबर है, जिसमें कहा जाता है कि अपना मारेगा तो भी छांव में गेरे।

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